पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. भारत में गणपति पंडालों के अलावा लोग अपने घरों में भी गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हैं.
हिंदू धर्म में गणपति स्थापना के वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है. नहीं तो विध्नहर्ता गणपति रुष्ठ हो सकते हैं.
7 सितंबर को शाम को 5 बजकर 38 मिनट तक चतुर्थी तिथि है. विधिवत्त भद्रा समाप्ति के बाद गणेश चतुर्थी मनाई जा सकती है.
अमृत बेला में शाम 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 40 शाम तक और शुभ की बेला रात को 9 बजकर 07 मिनट से रात 10 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.
गणेश चतुर्थी की शुरुआत 6 सितंबर को दोपहर में 3:01 से शुरू होगी और उसके बाद 7 सितंबर को शाम 5:37 पर समाप्त होगी. उदयातिथि के मुताबिक गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर को मनाया जाएगा.
इस दिन आप गणेश जी की स्थापना कर सकते हैं. गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक रोज भगवान गणेश की पूजा आराधना करें.
इसके पीछे कारण यह है कि मां पार्वती ने पहली बार अपने मैल से गणपति की स्थापना की थी. ऐसे में गणेश चतुर्थी के दिन व्रत उपवास रखकर भगवान गणेश की स्थापना करें.
गणेश जी की मूर्ति के सामने रोज सुबह-शाम दीपक जलाएं और पूजा करें. गणेश जी जितने दिन आपके घर में या चौक चौराहों पर रखते हैं तो कम से कम दिन में तीन बार भोग लगाना चाहिए.
गणेश चतुर्थी के दिन में पूजा और व्रत करें. भगवान गणेश को मोदक का भोग जरूर लगाए. गणेश जी की स्थापना के बाद गणपति बप्पा को आप अपने घर में स्थापना करते हैं तो सात्विक भोजन करना चाहिए.
गणेश जी की मूर्ति सही दिशा देखकर स्थापित करें और रोज उसे स्थान को गंगाजल से पवित्र करें. इसके साथ ही गणेश जी की पूजा में साफ सफाई और पवित्रता का खास ध्यान रखें.
यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं-धार्मिक जानकारियों और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है. हां यह बताना जरूरी है कि ZEE UPUK किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.