छींक आने पर क्यों बंद हो जाती हैं आंखें, वजह कर देगी हैरान
जब भी हमारी नाक के अंदर गर्दा, धूल आदि जाता है तो नाक में गुदगुदी होती है
गर्दा, धूल आदि फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते है इसलिए छींक एक इंटरनल क्लीनिंग प्रोसस है
हमारी नाक में म्यूकस नाम की झिल्ली होती है इस झिल्ली के टिशु काफी सेंसिटिव होते हैं
छींक से पहले नाक में गुदगुदी होती है और नाक के म्यूकस दिमाग को मैसेज भेजते हैं
बाहरी कणों को बाहर निकालने के लिए ट्राइजेमिनल नाम की तांत्रिका एक्टिव हो जाती है
ट्राइजेमिनल नाम की तांत्रिका ही हमारे आंख, नाक, कान को नियंत्रित करती है
दरअसल छींकने के दौरान आंखों का बंद होना एक रिफ्लेक्स एक्शन है, यह क्रिया शरीर स्वत: करता है
आंखों को जर्म्स के संपर्क में आने से बचाने के लिए छींकते वक्त पलकें बंद हो जाती है
कुछ लोग मानते हैं कि ऐसा न करने पर आंखें बाहर आ जाएंगी
रिपोर्ट्स के अनुसार हमारी छींक की रफ्तार 160 कि.मी. प्रति घंटा तक होती है
छींक को रोकने या दबाने से शरीर के अंगों को नुक़सान पहुंच सकता है
दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई है. ZEE UPUK इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता.