छींक आने पर क्यों बंद हो जाती हैं आंखें, वजह कर देगी हैरान

Pradeep Kumar Raghav
May 02, 2024

क्यों आती है छींक

जब भी हमारी नाक के अंदर गर्दा, धूल आदि जाता है तो नाक में गुदगुदी होती है

फेफड़ों की सुरक्षा

गर्दा, धूल आदि फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते है इसलिए छींक एक इंटरनल क्लीनिंग प्रोसस है

छींक आने में म्यूकस का रोल

हमारी नाक में म्यूकस नाम की झिल्ली होती है इस झिल्ली के टिशु काफी सेंसिटिव होते हैं

छींक से पहले दिमाग को संदेश

छींक से पहले नाक में गुदगुदी होती है और नाक के म्यूकस दिमाग को मैसेज भेजते हैं

छींक में जर्म्स

बाहरी कणों को बाहर निकालने के लिए ट्राइजेमिनल नाम की तांत्रिका एक्टिव हो जाती है

ट्राइजेमिनल तांत्रिका

ट्राइजेमिनल नाम की तांत्रिका ही हमारे आंख, नाक, कान को नियंत्रित करती है

प्रतिक्रिया विज्ञान

दरअसल छींकने के दौरान आंखों का बंद होना एक रिफ्लेक्स एक्शन है, यह क्रिया शरीर स्वत: करता है

जर्म्स से बचाव

आंखों को जर्म्स के संपर्क में आने से बचाने के लिए छींकते वक्त पलकें बंद हो जाती है

आंखें बंद नहीं होने पर क्या होगा

कुछ लोग मानते हैं कि ऐसा न करने पर आंखें बाहर आ जाएंगी

छींक की रफ्तार 160 कि.मी./घंटा

रिपोर्ट्स के अनुसार हमारी छींक की रफ्तार 160 कि.मी. प्रति घंटा तक होती है

छींक को रोकने से क्या होगा

छींक को रोकने या दबाने से शरीर के अंगों को नुक़सान पहुंच सकता है

DISCLAIMER

दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई है. ZEE UPUK इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता.

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