रेलगाड़ी में सफर कर रहे लोगों की संख्या रात की अपेक्षा दिन में अधिक होती है. जिससे दिन में ट्रेन की स्पीड आमतौर पर कम देखी जाती है और पैसेंजर ट्रेन में तो दिन में ही सबसे ज्यादा यात्री होते हैं. आमतौर पर ज्यादातर लोग दिन में यात्रा करना पसंद करते हैं जिससे ट्रेन में यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है.
रात में रेलगाड़ी चलाने से लोकोपायलट को यह फायदा होता है कि उसे बहुत दूर से ही सिग्नल दिख जाते हैं जिससे ट्रेन की स्पीड को बैलेंस बनाए रखते हैं और ट्रेन की स्पीड कम नहीं करनी पड़ती है. इसलिए ट्रेन रात में तेज गति से चलती है.
रेलगाड़ी का रात में तेज गति से चलने का कारण है कि रात को ट्रेक खाली रहते है. इस समय इंसानों और पशुओं की आवाजाही कम रहती है तथा इस समय पटरियों की मरम्मत का काम भी नहीं चल रहा होता है. जिससे ट्रेन की गति मैंटेन रहती है और लोकोपायलट पूरी स्पीड से गाड़ी को दोड़ाता है.