हिंदू धर्म में अन्न दान का विशेष महत्व है. अन्न दान 8 दानों में एक है.
अन्न दान से घर में रोग, बीमारी, गरीबी नहीं आती और कारोबार व्यापार में बरक्कत होती है.
सनातन धर्म में भंडारा इसलिए किया जाता है ताकि जो लोग प्रतिदिन भोजन की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं या जिनके पास भोजन नहीं है उनको भोजन मिल सके.
ऐसे लोगों को भंडारे का भोजन कराने से पुण्य की प्राप्ति होती है. भंडारा करवाने वाले के घर सकारात्मकता आती है.
भंडारा करवाने वाले के घर सुख- समृद्धि आती है. घर में हमेशा धन बना रहता है.
यदि कोई समर्थ व्यक्ति भंडारे का भोजन करता है तो उसे अनुचित माना जाता है.
भंडारे का उद्देश्य ऐसे लोगों का पेट भरना होता है जो गरीब हैं और जिन्हें भोजन नहीं मिल पाता है.
काबिल लोगों का भंडारा खाना मतलब गरीब और जरूरतमंदों का हिस्सा हड़पना समझा जाता है.
काबिल व्यक्ति का भंडारा खाना शास्त्रों के अनुसार भंडारा खाना अशुभ माना जाता है.
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