ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वर और वधु के जीवन में संतान सुख, धन दौलत, दीर्घ आयु हो इसलिए 36 गुणों का मिलान किया जाता है.
कुंडली बताती है जीवन में आगे किसी प्रकार की कोई बाधाएं हैं, तो उन्हें किस तरह से दूर किया जा सकता है.
वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी को को मिलाकर कम से कम 18 गुणों का मिलना जरुरी है.
18 गुणों का मिलना ठीक माना जाता है इससे कम गुण मिलने पर विवाह नहीं होता
18 से कम गुण मिलने की स्थिति में शादी होने पर इसके असफल होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं.
18 से 21 गुण मिलने पर मिलान मध्यम माना जाता है. इससे अधिक गुण मिलना बेहद शुभ है.
18 से 24 गुण मिलने पर विवाह हो जाता है कई बार पति पत्नी में तकरार रहती है पर विवाह नहीं टूटता.
25 से 32 गुण मिलने पर सफल वैवाहिक जीवन के संकेत प्राप्त होते हैं.
32 से 36 गुण मिलने पर कुछ धार्मिक विद्वान इसको सर्वोत्तम मिलान कहते हैं .
कुछ विद्वान मानते हैं 36 गुण मिलने पर प्रेम तो बहुत होता है पर वियोग में रहना पड़ता है. सिया राम के भी 36 गुण मिले थे.
दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई, हम इसकी पुष्टि नहीं करते.