भगवान श्रीकृष्ण औऱ राधा का नाम प्रेम के प्रतिक के रुप में लिया जाता है. कहीं भी प्यार की बात होती है तो इन दोनों का उदाहरण दिया जाता है. युगों से हमारे देश में प्यार करने वाले कृष्ण औऱ राधा को पूजते आए हैं. लेकिन हर किसी के मन में एक सवाल होता है जब दोनों की बीच इतना प्रेम था तो फिर दोनों के बीच विवाह क्यों नहीं हुआ?
यह सवाल सबके मन में आता है कि आखिर भगवान कृष्ण ने राधा से शादी क्यों नहीं की?
धार्मिक पुराणों के मुताबिक जब भगवान कृष्ण वृंदावन छोड़कर जा रहे थे, तो उन्होंने राधा जी से वादा किया कि वह लौटकर आएंगे.
लेकिन उनकी मुलाकात रुकमणी से हो गई, जो मन ही मन कृष्ण को अपना पति मान लीं, तब कृष्ण ने उनसे विवाह रचा लिया.
पौराणिक कथा के मुताबिक राधा जी भगवान श्री कृष्ण से उम्र में 11 महीने बड़ी थी, इसलिए उन्होंने शादी नहीं की.
मान्यता ये भी है कि राधा जी भगवान कृष्ण से आध्यात्मिक प्रेम करती थी, इसलिए उन्हें कभी उनसे विवाह नहीं किया.
एक कहानी ये भी है कि जब राधा ने श्रीकृष्ण से पूछा कि वो विवाह क्यों नहीं करना चाहते? तो कृष्ण का जवाब था कि कोई अपनी आत्म से कैसे विवाह करेगा?
माना जाता है कि कृष्ण औऱ राधा के बीच भक्त और भगवान का है. विवाह के लिए दो लोगों की जरुरत होती है लेकिन राधा और कृष्ण एक ही है. ऐसे में विवाह कैसे होगा.
मान्यता ये भी है कि श्री कृष्ण ने राधा से इसलिए शादी नहीं की क्योंकि वो साबित करना चाहते थे कि प्रेम और विवाह दो अलग-अलग चीज हैं.
प्रेम एक नि:स्वार्थ भावना है जबकि शादी एक समझौता और बंधन. मतलब ये कि राधा-कृष्ण का संबंध भौतिक रुप नहीं बल्कि आध्यात्मिक प्रकृति का है.