महिलाओं में पीरियड्स आना एक नेचुरल प्रक्रिया है. हालांकि, पीरियड्स को लेकर समाज में कई मिथक है. इन्हीं में से एक है पीरियड्स के दौरान पूजा की मनाही.
ऐसे में आपके मन में भी सवाल आ सकता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा से क्यों रोका जाता है.
मान्यता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए.
माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में ऊर्जा का संचार अधिक होता है. भगवान इस ऊर्जा को सहन नहीं कर सकते हैं.
प्राचीन काल में मंत्रोच्चार और अनुष्ठान के बिना पूजा अधूरी मानी जाती थी.
ऐसे में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को देर तक बैठने में दिक्कत होती थी. इसलिए पांच दिनों तक पूजा से दूर रखा जाता था.
पीरियड्स के 5वें दिन महिलाएं बाल धुलकर पूजा में शामिल हो सकती हैं.
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