सावन में महिलाएं हरा श्रृंगार करती हैं तो वहीं प्रकृति भी हरा पोशाक पहनती है.
सावन में महिलाएं पूरे मन से भगवान शिव की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं. अपने श्रृंगार को भी इस माह अधिक महत्व देती हैं.
शास्त्रों की माने को महिलाओं को प्रकृति रूप माना गया है. सावन का महीना भी प्रकृति की सुंदरता को सराहने का महीने है.
प्रकृति के सौंदर्य का सावन महीना महिलाओं के लिए बहुत विशेष होता है. महिलाएं इस महीने में व्रत भी रखती हैं.
सावन के महीने में महिलाओं के कई त्योहार आते हैं. कज्जली तीज और हरियाली तीज पर महिलाएं सजती संवरती हैं.
इन त्योहार में महिलाएं मेहंदी रचवाती हैं. हरे रंग के नए वस्त्र पहनती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं. सावन में हरे रंग का बहुत महत्व है.
मेहंदी लगाना तो इस माह में महिलाओं के सुंदरता में चार चांद लगाता है. हाथों पर मेहंदी के अति सुंदर डिजाइन महिलाएं लगाती हैं
कहा जाता है कि सावन के महीने में महिलाएं जब मेहंदी लगाती हैं तो दिमाग को शांति मिलते है और दिमाग तेज रखने में मदद मिलती है.
सावन में महिलाएं हरे रंग की चुड़ियां पहनती हैं. भोलोनाथ को अर्पित इस पवित्र महीने में हरे रंग की चुड़ियां बाजार में देखी जा सकती है.
सावन में बारिश से चारों ओर हरियाली फैली रहती है जिससे पूरी प्रकृति मानों हरियाली का श्रृंगार की हुई प्रतीत होती है. सावन में हरे रंग की चुड़ियां पहनने को शुभ माना गया है.
हरा रंग भोलेनाथ को अति प्रिय है. ऐसे में सावन के माह में महिलाएं हरे रंग के वस्त्र धारण करती है. यह रंग खुशी और प्रेम का प्रतीक माना गया है.
हरे रंग को सौभाग्य का रंग भी कहा जाता है. सावन के महीने में पूरे मन से हरे रंग को अलग अलग रूप में धारण करती है.