प्रयागराज में आने वाले साल के 14 जनवरी 2025 से महाकुंभ का महाउत्सव शुरू हो रहा है.
महाकुंभ मेले में संत-संन्यासियों, तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए लगभग 4000 हेक्टेयर में तंबू बनाया जा रहा है. इस तरह यह दुनिया का सबसे बड़ा तंबू होगा.
महाकुंभ के इस आयोजन के लिए लगभग 7,500 करोड़ रुपये के बजट की मंजूरी मिली है जोकि 2019 के अर्धकुंभ में हुए खर्च के बजट से 78 फीसदी अधिक है. तब 4,200 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी
कुंभ के लिए केंद्र सरकार ने 2,100 करोड़ रुपये की सहायता राशि में से अब तक 1,050 करोड़ रुपये की पहली किस्त दे दी है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो प्रयागराज महाकुंभ के लिए सरकार की तरफ से मंदूर किए बजट का इस्तेमाल 421 परियोजनाओं के लिए किया जा रहा है.
परियोजनाओं में सड़क निर्माण, रेलवे पुल से लेकर अंडरपास, नदी किनारों का सुधार व यहां आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं पर खर्च शामिल है.
महाकुंभ के लिए दुनिया का सबसे बड़ा तंबू शहर 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित हो रहा है जिसमें 2,000 तंबू तैयार किया जाएगा. 25,000 सार्वजनिक आवास बनाए जाएंगे.
प्रयागराज महाकुंभ में सुरक्षा और प्रशासन के लिए कुल 23,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और एआई-आधारित चैटबॉट्स का भी इस्तेमाल किया जाएगा.
वहीं, प्रयागराज को स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के अंतर्गत उन्नत तकनीकी सुविधाओं से लैस होने वाला है.
सरकार स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सफाई और ठोस कचरा प्रबंधन कर रही है. स्वच्छ पेयजल और आधुनिक शौचालय जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी.