भारत के राष्ट्रीय ध्वज के बारे में 10 रोचक तथ्य

Raj Rani
Jul 22, 2024

राष्ट्रीय ध्वज एक क्षैतिज तिरंगा है जिसमें सबसे ऊपर गहरा केसरिया (केसरी), बीच में सफेद और नीचे गहरे हरे रंग का रंग समान अनुपात में है.

ध्वज की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात 2:3 है.

भारत के राष्ट्रीय ध्वज को इसके वर्तमान स्वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था. तब से यह भारत का आधिकारिक ध्वज बन गया.

तिरंगा झंडा सर्वप्रथम 1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा स्वीकार किया गया था, जिसमें आज के चक्र के स्थान पर चक्र रखा गया था.

केसरिया रंग साहस, त्याग और बलिदान को दर्शाता है. सफेद रंग विचारों में सच्चाई और पवित्रता को दर्शाता है और गहरा हरा रंग जीवन और समृद्धि का प्रतीक है.

सफेद पट्टी के बीच में बना चक्र प्रगति और गति का प्रतीक है. इसमें 24 तीलियां हैं.

भारत का राष्ट्रीय ध्वज, कानून के अनुसार, खादी से बना होगा, जो महात्मा गांधी द्वारा लोकप्रिय बनाया गया एक विशेष प्रकार का सूती या रेशमी हाथ से काता हुआ कपड़ा है.

सर्वोच्च न्यायालय ने 2002 में संविधान के अनुच्छेद 19 (i) (a) के तहत झंडा फहराने के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया.

इस ध्वज को पिंगली वेंकैया नामक एक कृषक और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी ने डिजाइन किया था.

ध्वज को पहली बार 1906 में कलकत्ता में सचिंद्र प्रसाद बोस द्वारा फहराया गया था और बाद में वर्ष 1907 में स्टटगार्ट में मैडम भीकाजी कामा द्वारा एक और तिरंगा झंडा फहराया गया था.

VIEW ALL

Read Next Story