श्रीकृष्ण जी की वो पत्नी जिसे मां सीता से सुंदर होने का था घमंड, भगवान ने ऐसे किया चूर

Jun 01, 2024

सत्यभामा का घमंड

धार्मिक कथाओं के अनुसार, श्रीकृष्ण की आठ पत्नियां थी. जिसमें से एक सत्यभामा थीं. एक बार सत्यभामा को अपनी सुंदरता पर अभिमान हो गया था. जिसे भगवन श्रीकृष्ण ने कुछ ऐसे तोड़ा.

श्री कृष्ण से सवाल

एक बार श्री कृष्ण अपने दरबार में बैठे थे, तभी वहां सत्यभामा और श्रीकृष्ण से बोलीं, त्रेतायुग में जब आपने श्रीराम का अवतार लिया था तब आपकी पत्नी सीता थी. क्या वे मुझसे अधिक सुंदर थीं?

श्री कृष्ण की चुप्पी

श्रीकृष्ण ने सत्यभामा के अहंकार को भांपते हुए तुरंत कोई जवाब नहीं दिया. वहीं गरुड़ और सुदर्शन चक्र भी दरबार में उपस्थित थे.

गरुड़ का अभिमान

सत्यभामा की बात सुन गरुड़ ने श्रीकृष्ण से अभिमानी स्वर में कहा कि क्या इस संसार में मुझसे अधिक तेज कोई है?

सुदर्शन भी पीछे नहीं

सुदर्शन चक्र ने भी अभिमानपूर्वक पूछा कि प्रभु क्या इस संसार में मुझसे अधिक शक्तिशाली कोई है?

सबक सीखने की योजना

श्रीकृष्ण तीनों की बात सुनते ही समझ गए कि इन्हें अपने ऊपर घमंड हो गया है. तब तीनों के घमंड को दूर करने के लिए कृष्ण जी ने एक योजना बनाई.

हनुमान जी को बुलाया

श्रीकृष्ण ने गरुड़ से कहा कि श्रीराम के प्रिये भक्त हनुमान जी को द्वारका में बुलाओ. उन्हें बोलो कि राम और सीता उनका इंतजार कर रहे है.

सीता माता की तरह तैयार

श्रीकृष्ण ने सत्यभामा को सीता माता की तरह तैयार होने को कहा और स्वयं श्रीराम का रूप धारण कर दरबार में बैठ गए.

सुदर्शन क बनाया द्वारपाल

श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र को दरबार का द्वारपाल बनने का आदेश दिया और कहा कि किसी को भी अंदर न आने दें.

हनुमान जी से मिले गरुड़

गरुड़ हनुमान जी के पास पहुंचे और कहा कि प्रभु श्रीराम और माता सीता द्वारका में आपका इंतजार कर रहे हैं. चलिए में आपको अपनी पीठ पर बैठा कर ले चलता हूं.

हनुमान जी को छोड़ उड़े गरुड़

हनुमान जी ने गरुड़ से कहा कि वे स्वयं द्वारका पहुंच जाएंगे, लेकिन गरुड़ ने अपने अभिमान में सोचा कि एक वानर उनसे तेज नहीं चल सकता और खुद उड़कर द्वारका पहुंच गए.

गरुड़ का टूटा घमंड

जब गरुड़ द्वारका पहुंचे तो देखा कि हनुमान जी पहले से भी दरबार में उपस्थित थे, ये देखकर गरुड़ का अभिमान टूट गया.

सुदर्शन का भी टूटा अभिमान

श्रीकृष्ण ने हनुमान जी से पूछा कि द्वार पर किसी ने उन्हें रोका तो नहीं था. हनुमान जी ने उत्तर दिया कि सुदर्शन ने उन्हें रोका था, लेकिन वो सुदर्शन को अपने मुंह में रख कर अंदर आ गए. जिससे सुदर्शन क अभी अभिमान टूट गया.

सत्यभामा का भी घमंड चूर

हनुमान जी की नजर जैसे ही सीता माता के रूप में बैठी सत्यभामा पर पड़ी तो उन्होंने श्री कृष्ण से पूछा, "प्रभु, आपके साथ यह दासी कौन है?" हनुमान जी की यह बात सुन सत्यभामा का भी अभिमान चूर-चूर हो गया था.

Disclaimer

यहां दी गई जानकारी केवल लोक कथाओं पर आधारित है. ZeePHH इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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