रविशंकर एक भारतीय योग गुरु, आध्यात्मिक नेता हैं. 1970 में, गुरुदेव ने ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन के संस्थापक महर्षि महेश योगी के एक प्रशिक्षु के रूप में काम किया था. 1981 में उन्होंने 'आर्ट ऑफ लिविंग' फाउंडेशन की स्थापना की.
किसी भी चीज़ को कठिन नहीं समझना चाहिए. यह पहचानें कि हमारे भीतर बहुत अधिक शक्ति है, और वह शक्ति हमारे द्वारा सौंपे गए कर्तव्यों को निर्धारित करती है.
चिंता करने की कोई बात नहीं है. कठिन समय, अच्छा समय, बहुत अच्छा समय और बुरा समय आएगा. ये सभी जीवन में आते हैं और चले जाते हैं. कुछ भी नहीं रहता.
स्वयं को क्षमा करें और दूसरों को भी क्षमा करें; दूसरों की गलतियों या अपनी गलतियों को छुपाएं मत.
अपनी मांग को कृतज्ञता में बदलो. आप जितने अधिक आभारी होंगे, उतना अधिक प्रेम आपके पास आएगा.
कभी भी अपने आप पर लेबल न लगाएं. अतीत से सीखें और आगे बढ़ें. भावनाएं आती हैं और चली जाती हैं. वे कभी स्थिर नहीं होते. न तो दूसरों को दोष दें और न ही स्वयं को.
जीवन आपको सकारात्मक और नकारात्मक दोनों देता है. अच्छे पर ध्यान दें और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ें.
जब आप दूसरों के लिए अच्छा चाहते हैं, तो अच्छी चीजें आपके पास वापस आती हैं. यह प्रकृति का नियम है.
एक नेता आपसे आपकी भलाई और पथ पर प्रगति के अलावा कुछ नहीं चाहता.