जानिए भगवान कृष्ण के मुकुट पर हमेशा मोर का पंख क्यों लगाया होता है
Zee Media Bureau
Sep 09, 2023
Vishnu's incarnation:
श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे. जब दुनिया पर बुराई हावी हुई तो भगवान विष्णु ने धर्मियों की रक्षा और दुष्टों के विनाश के लिए श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था.
Indian peafowl:
मोर चमकीले रंग का होता है, जिसमें मुख्य रूप से नीले पंख जैसी कलगी होती है, जिसमें स्पैटुला-टिप वाले तार जैसे पंख होते हैं, जिस पर रंगीन आंखों के धब्बे होते हैं.
Symbol of Happiness and Fortune:
ऐसा माना जाता है कि मोरपंख अच्छे भाग्य का प्रतीक है। साथ ही, हरे, सुनहरे, नीले, लाल रंगो का बोल्ड और उज्ज्वल मिश्रण एक दिव्य कंपन और पवित्रता की भावना देता है.
Radha's love:
ऐसा माना जाता है की राधा जी ने श्री कृष्ण को एक मोर का पंख उपहार में दिया था. भले ही उन्होंने कभी शादी नहीं की, लेकिन उनका प्यार हम सभी के लिए अनंत काल का प्रतीक बन गया. कुछ लोग यह भी मानते हैं कि मोरपंखी पर "राधा" लिखा होता है.
Symbol of Purity:
कुछ मिथकों में कहा गया है कि एक मोरनी मोर के आंसू पीती है और फिर एक बच्चे को जन्म देती है. परिणामस्वरूप, मोर पवित्रता और ब्रह्मचर्य का प्रतीक है. इसलिए मोर पवित्रता का प्रतीक माना जाता है लिहाज़ा लोग कहते हैं कि भगवान कृष्ण पवित्र लोगों को बहुत प्रेम करते हैं.
Krishna's feather means resolution:
भगवान श्री कृष्ण के सौतेले भाई बलराम को शेषनाग का अवतार माना जाता है और इसके अलावा, सांप और मोर दो सबसे प्रसिद्ध दुश्मन हैं. अत: सिर पर मोर पंख धारण करके भगवान कृष्ण अपने मित्रों और शत्रुओं के बीच संतुलन बनाते हैं. यह अच्छे और बुरे के बीच समाधान का भी प्रतिनिधित्व करता है.
Love for dance:
ऐसा भी माना जाता है कि एक बार भगवान कृष्ण की बांसुरी की धून में मोर मंत्रमुग्ध हो कर नाचने लगे. मोर तब तक नाचते रहे जब तक वे थक नहीं गए, लेकिन भगवान कृष्ण कई दिनों तक नाचते रहे. मोरों के राजा ने ख़ुशी से कृष्ण को एक मोर पंख दिया तब से भगवान कृष्ण सदैव अपने मुकुट पर मोर पंख लगाये रहते हैं.