घरों के बर्तनों में पक रहा हैं ‘कैंसर’? रिसर्च में हुआ चौंकाने वाल खुलासा

Taushif Alam
Apr 19, 2024


हर गृहणी इस बर्तन को चुनकर घर लाने के लिए काफी मशक्कत भी करती हैं, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि दुकानदार अच्छे-अच्छे एडवर्टाइजमेंट करके लोगों को ठग लिया करते हैं और खराब क्वालिटी के बर्तन पकड़ा देते हैं.


उससे भी बड़ी समस्या तो यह है कि वह बर्तन कितने साल चलेगा या कब तक उसका इस्तेमाल करना है. यह सब जानकारी ग्राहकों तक नहीं पहुंच पाती है.


नतीजा यह होता है कि कई सालों तक लोग खराब क्वालिटी के बर्तन में खाना खाते हैं बिना यह जाने हुए कि उनके स्वास्थ्य के ऊपर इसका कैसा दुष्प्रभाव पड़ने वाला है. हालांकि राहत भरी खबर यह है कि अब भारतीय बाजारों में खराब क्वालिटी के बर्तन बिकने बंद होने वाले हैं.


सरकार ने स्टेनलेस स्टील और एल्युमिनियम के बर्तन पर क्वालिटी कंट्रोल के नियम की नोटिफिकेशन जारी कर दी है और आगामी सितंबर महीने से यह नियम लागू हो जाएगा.


अवेयरनेस के कमी की वजह से लोग भी सस्ते दाम देख कर खराब बर्तन ले लिया करते है. घरेलू स्तर पर भी घटिया माल से बर्तन बनाने की शिकायत मिल रही थी. इसको ध्यान में रखते हुए और इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है.


कई केस स्टडी में पाया गया है कि कई बार स्टेनलेस बर्तन खरीद लेते हैं, क्योंकि हमें लगता है कि यह ज्यादा दिनों तक चलेगा, लेकिन थोड़े दिनों के बाद वह बर्तन सफेद हो जाता है.


हम जब भी बर्तन खरीदने जाते हैं कोई यह नहीं बताता कि वह बर्तन कितने साल तक इस्तेमाल की जा सकती है. इस्तेमाल करने के दौरान ही बर्तन या तो टूट जाते हैं या फिर खराब हो जाते हैं.


कई बार ऐसा होता है कि हम जो बर्तन अच्छा समझ कर लाते हैं, वह बर्तन फौरन ही सफेद हो जाता है और उस केमिकल निकलने लगते हैं. इससे हमारी सेहत खराब होने लगती है.


जनरल फिजिशियन डॉक्टर प्रखर गर्ग का कहना है कि अगर कोई भी बर्तन खरीदना है तो इस बात के ऊपर ध्यान नहीं देता है की किस क्वालिटी का बर्तन है और उसमें क्या बनाया जाना चाहिए. कई बार ऐसा होता है की बर्तन से कार्सिनोजेनिक केमिकल निकलने लगते हैं. जिसकी वजह से लोगों में ट्यूमर या कैंसर जैसी समस्या पैदा हो जाती है.

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