जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ती है, तो कई बीमारियों को दावत देती है. जिसमें हार्ट अटैक का सबसे ज्यादा खतरा होता है.
कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं, एक बैड कोलेस्ट्रॉल होता है, तो दूसरा गुड कोलेस्ट्रॉल होता है. कोलेस्ट्रॉल हमारे खून में पाया जाने वाला एक मोम जैसा पदार्थ होता है.
जब ये पदार्थ हमारे नसों में जम जाता है, तो हार्ट से लेकर ब्रेन में पहुंचने वाले खून की सप्लाई को बाधित करता है. जिससे कई बीमारियों का जन्म होता है.
जब कोलेस्ट्रॉल को की मात्रा बढ़ जाती है, तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है.
सीनियर डॉक्टर अतुल शर्मा के मुताबिक, गलत लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से ज्यादातर लोगों में कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखी जा रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि लोगों में कोलेस्ट्रॉल में कितना लेवल होना चाहिए.
डॉक्टर के मुताबिक, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dL से होना चाहिए, अगर 130 mg/dL हो या इससे ज्यादा हो इसे बॉर्डर लाइन होती होती है.
अगर शरीर में 160 mg/dL से ज्यादा बैड कोलेस्ट्रॉल है, तो ये आपके सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. ऐसे हालात में हार्ट अटैक हो सकता है.
वहीं, शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल 60 mg/dL है या इससे ज्यादा होता है, तो इसे नॉर्मल माना जाता है. वहीं, 40 mg/dL से कम है, तो ये बेहद खतरनाक हो सकता है. ऐसे में आपकी तबीयत खराब हो सकती है.
गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल 200 mg/dL है, या इससे कम हो, तो इसे नॉर्मल माना जाता है. अगर 240 mg/dL होता है, तो हाई कोलेस्ट्रॉल माना जाता है. ऐसे में कई बीमारियों का जन्म होता है.
यहां दी गई जानकारी सीनियर डॉक्टर अतुल शर्मा से बातचीत पर आधारित है. कोलेस्ट्रॉल की जांच समय-समय पर करवानी चाहिए. क्योंकि ज्यााद कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर गंभीर बीमारी हो सकती है.