हमारे देश में शरीर के अंगों से जुड़ी ज्यादातर छोटी-छोटी हरकतें अंधविश्वास से जुड़ी होती हैं. इसमें आंख फड़कना भी शामिल है.
जब किसी की आंख फड़कने लगती है तो ज्यादातर लोग इसे शुभ या अशुभ मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आंख फड़कने के पीछे असली कारण क्या है? अगर नहीं जानते तो आइए हम आपको बताते हैं...
आंख फड़कना एक आम बात है और यह पलक की मांसपेशियों में ऐंठन के कारण होता है. ज़्यादातर ऊपरी पलक फड़कती है, जो कुछ मिनटों या कुछ घंटों के बाद बंद हो जाती है.
हालांकि, अगर निचली और ऊपरी दोनों पलकें फड़कने लगें और यह हफ्तों या उससे ज्यादा वक्त तक जारी रहे, तो यह किसी गंभीर बीमारी की चेतावनी भी हो सकती है.
आंखों के फड़कने को मेडिकल भाषा में 'मायोकिमिया' कहा जाता है. जब आंखों की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती है, तो आंख फड़कने लगती है.
कभी-कभी नींद पूरी नहीं होने पर भी आंख फड़कने लगती है, तो कभी शराब का सेवन करते हैं. इस वजह से भी आंख फड़कने लगती है.
इसके अलावा जिन लोगों को आंखों से जुड़ी कोई समस्या होती है, ज्यादा तनाव में रहने पर उनकी आंखें फड़कने लगती हैं.
कभी-कभी सॉफ्ट ड्रिंक, कॉफी, चाय और कैफीन की ज्यादा मात्रा वाली चॉकेट के सेवन से भी आंखें फड़कने लगती है.
तनाव, आंखों की थकान, मोबाइल और कंप्यूटर के ज्यादा इस्तेमाल करने से भी आंखें फड़कने लगती है. ये सामान्य प्रक्रिया है.
डिस्क्लेमर
यहां दी गई जानकारी सीनियर डॉक्टर अंजलि शर्मा से बातचीत पर आधारित है. अगर आपकी आंखें दो दिन से ज्यादा फड़कती हैं, तो फौरन डॉक्टर से सलाह लें.