World Hypertension Day हर साल 17 मई को पूरे मुल्क में मनाया जता है.
इसका मकसद लोगों को हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर से कैसे बचने के लिए जागरूक करना है.
'वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे' की इस साल की थीम "मेज़र योर ब्लड प्रेशर एक्युरेटली, कंट्रोल इट, लिव लॉन्गर" है.
इस खास मौके के पहले एक्सपर्ट्स ने कहा है कि मरीज का ब्लड प्रेशर जितने लंबे वक्त तक कंट्रोल रहेगा, वह उसके लिए उतना ही नुकसानदायक होगा.
नारायण हेल्थ के फाउंडर और चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी ने बताया कि अनियंत्रित हाई ब्ल्ड प्रेशर निस्संदेह सबसे गंभीर हेल्थ चिंताओं में से एक है.
WHO के मुताबिक, भारत में 188.3 मिलियन लोग हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित हैं.
चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से सिर्फ 37 फीसदी मरीजों को ही फॉर्मल डायग्नोसिस मिल पाता है.
पी.डी. हिंदुजा हॉस्पिटल के हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. मयूर जैन ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, और किडनी की परेशनी हो सकती हैं.
अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. रेफाई शोकथली ने बताया कि महत्वपूर्ण बात यह है कि रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन में महीनों और सालों तक किसी तरह के कोई सिंपटम्स नहीं दिखाई देते.
इसलिए इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन मैं सभी से दरख्वास्त करता हूं कि इलाज में कभी देरी न करें.
डॉक्टरों ने कहा कि इससे बचने और रेसिस्टेंट हाइपरटेंशन को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए दवा समेत अपने जीवनशैली और तनाव जैसी चीजों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है.