साफ़-सफाई आज world toilet day है. हर साल 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस इसलिए मनाया जाता है कि शौचालय और साफ़-सफाई की अहमियत की तरफ दुनिया भर के लोगों और सरकारों का ध्यान खींचा जाए.
शौचालय में इत्मीनान से बैठना टॉयलेट में घुसते ही पहला काम नल चलाकर देखें की पानी आ रहा है या नहीं. इसके बाद टॉयलेट का दरवाजा चेक करें कि वो सही से लग रहा हो. शौचालय में इत्मीनान से बैठना बेहद ज़रूरी है.
गुप्त कैमरा पब्लिक टॉयलेट में जाना पड़े तो ऊपर के दो कामों के अलावा या भी सुनिश्चित करें कि वहां कहीं पर कोई गुप्त कैमरा तो नहीं लगा है. आजकल ऐसे अपराध बहुत हो रहे हैं.
पैंट या शर्ट टॉयलेट कामोड वाला हो या भारतीय शैली का बैठने के पहले अपने पेंट या शर्ट के जेब से पर्स, मोबाइल या अन्य सामान निकाल कर रख दें. इसके गिरने का खतरा रहता है, संभव हो तो इसे लेकर टॉयलेट न जाएं.
शौचालय में मोबाइल का इस्तेमाल शौच करते वक़्त मोबाइल का इस्तेमाल न करें, न किसी से बात करें न जोर- जोर से बोले. शौचालय में अपना मुंह बंद रखें.. शौचालय में शौच के अलावा किसी अन्य कारण से देर तक न बैठें.
डिस्टर्ब शौचालय के अंदर कोई बैठा हो तो उसका दरवाजा जोर-जोर से न बजाए. उसे किसी अन्य तरीके से डिस्टर्ब न करें.
फ्लश शौचालय के इस्तेमाल के बाद अपना पूप ज़रूर फ्लश कर दें. टॉयलेट पेपर को डस्टबिन में डाले.. शौचालय से निकलते वक़्त उसे इतना साफ़ कर दें के दूसरे को कोई दिक्कत न हो.
साबुन या senitiser शौचालय के बाद साबुन या senitiser से 20 सेकंड तक रगड़ कर हाथ धोना न भूलें. शौच के बाद हाथ धोना एक अनिवार्य अमल है..
सजग शौचालय को उतना ही साफ़ रखें जितना खाने का किचन रखते हैं. आपका टॉयलेट और टॉयलेट हैबिट आपके इतिहास, भूगोल, बायोलॉजी, इकॉनमी और मनोविज्ञान का सब कच्चा-चिटठा खोल देता है, इसलिए सजग रहें, सतर्क रहें.