दुमका चारा घोटालाः 37 दोषियों को CBI कोर्ट ने सुनाई सजा, लगाया करोड़ों का जुर्माना
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दुमका चारा घोटालाः 37 दोषियों को CBI कोर्ट ने सुनाई सजा, लगाया करोड़ों का जुर्माना

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार (18 अप्रैल) को यहां चारा घोटाला मामले में दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में 37 दोषियों को सजा सुनाई है. अदालत ने दोषी लोगों को साढ़े तीन वर्ष से लेकर 14 साल तक की कैद की सजा सुनाई. इसके अलावा सभी दोषियों को कुल मिलाकर 29 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करने के आदेश भी दिए गए हैं.

दुमका चारा घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई. (फोटोः प्रतीकात्मक)

रांचीः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने बुधवार (18 अप्रैल) को यहां चारा घोटाला मामले में दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में 37 दोषियों को सजा सुनाई है. अदालत ने दोषी लोगों को साढ़े तीन वर्ष से लेकर 14 साल तक की कैद की सजा सुनाई. इसके अलावा सभी दोषियों को कुल मिलाकर 29 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करने के आदेश भी दिए गए हैं. बता दें कि अदालत ने बीते 9 अप्रैल को 37 लोगों को दोषी करार दिया था. वहीं, इस मामले में पांच आरोपियों को बरी कर दिया था. इस मामले में दोषियों में लालू यादव का नाम शामिल नहीं था. अदालत ने तत्कालीन पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय निदेशक ओपी. दिवाकर को 14 वर्ष की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा उन्हें साजिश रचने के लिए सात वर्ष की सजा और अन्य सात वर्ष की सजा भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत सुनाई गई है.

  1. दुमका कोषागार अवैध निकासी मामले में 37 लोगों को सजा
  2. सीबीआई की विशेष अदालत ने लगाया 29 करोड़ रुपये का जुर्माना
  3. पशुपालन विभाग के निदेशक को 14 साल की सजा

पशुपालन विभाग के ही तीन पूर्व कर्मचारियों को सात वर्ष की सजा सुनाई गई है और प्रत्येक पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. बाकी 33 दोषियों को साढ़े तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है. और प्रत्येक पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

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गौलतलब है कि मामला दुमका कोषागार से 1991-1992 और 1995-1996 में धोखाधड़ी से 34.91 करोड़ रुपये की निकासी से जुड़ा हुआ है. मामले में 1996 में 72 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इनमें कोई राजनेता नहीं शामिल था. साल 2004 में 60 आरोपियों के खिलाफ आरोप लगाए गए. 

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मुकदमे के दौरान 14 आरोपियों की मौत हो गई, दो ने अपना अपराध कबूल किया और दो फरार हैं. बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद चारा घोटाला 1996 में सामने आया था. लालू प्रसाद को चार मामलों में सजायाफ्ता हैं. उन्हें इसी वर्ष 23 मार्च को 14 साल के कारावास की सजा सुनाई गई.