झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए पार्टी की हो सकती है यह रणनीति!
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झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए पार्टी की हो सकती है यह रणनीति!

झारखंड में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली है. डॉ अजय कुमार ने झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से 9 अगस्त को इस्तीफा देने की घोषणा की थी.

झारखंड में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है.

नई दिल्लीः झारखंड में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली है. डॉ अजय कुमार ने झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से 9 अगस्त को इस्तीफा देने की घोषणा की थी. जिसके बाद से नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन की चर्चा जोर शोर से हो रही है. झारखंड विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान अब कुछ ही हफ्तों में होनेवाली हैं. ऐसे में कांग्रेस जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष पद को भरने के लिए माथापच्ची कर रही है. क्योंकि चुनाव नजदीक है इसलिए प्रदेश अध्यक्ष का चयन चुनावी रणनीति की तहत हो सकती है.

झारखंड में लोकसभा चुनाव के बाद डॉ अजय कुमार के नेतृत्व पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे थे. क्योंकि, लोकसभा के 14 सीटों में से कांग्रेस केवल एक ही सीट पर जीत हासिल कर पाई थी. ऐसे में प्रदेश के नेता उन पर लगातार निशाना साध रहे थे और इस्तीफे का दवाब बना रहे थे. आखिरकार अजय कुमार को पद से इस्तीफा देना पड़ा.

हालांकि, पद से इस्तीफा देने के बाद अजय कुमार ने कांग्रेस के कई नेताओं पर संगीन आरोप लगाए थे. उन्होंने सुबोधकांत सहाय और बालमुचू जैसे कांग्रेस नेताओं पर संगीन आरोप लगाए. जिन्होंने अपने हित के लिए मुझे टारगेट बनाया.

अब कांग्रेस में नए प्रदेश अध्यक्ष की चयन के लिए माथापच्ची की जा रही है. हालांकि, कांग्रेस नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए चुनाव को ध्यान में रखकर स्ट्रेटजी तैयार कर रही है. एक ऐसी रणनीति जिससे विधानसभा चुनाव में पार्टी को बड़ा फायदा मिले.

माना जा रहा है कि कांग्रेस चुनाव को ध्यान में रखते हुए आदिवासी चेहरे पर मत बना सकती है. क्योंकि, आदिवासी चेहरे होने पर उन्हें इसका फायदा मिलेगा. चूंकि झारखंड में कई स्थानीय पार्टी हैं और उन्हें आदिवासियों का सपोर्ट है. ऐसे में आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए आदिवासी चेहरा होना जरूरी होगा.

वहीं, महागठबंधन की कवायद तो चल रही है लेकिन कांग्रेस को ऐसी स्थिति के लिए भी तैयार रहना होगा जब उन्हें अकेले चुनाव लड़ने की नौबत आ जाए. क्योंकि, कांग्रेस में भी लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी को अकेले चुनाव लड़ने की मांग की गई थी. साथ ही महागठबंधन के अन्य दल ने जिस तरह से कांग्रेस के साथ तेवर दिखाए थे. ऐसे में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहना होगा.

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हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए तीन नाम सामने आ रहे हैं. जिसमें रामेश्वर उड़ाव, प्रदीप बालमूचु और सुखदेव भगत का नाम सामने आ रहा है. इनमें से रामेश्वर उड़ाव का नाम सबसे आगे होने की बात कही जा रही है. देखना यह है कि कांग्रेस आलाकमान इस पर क्या फैसला लेते हैं.