मांझी का दावा, मैं ही हूं एनडीए का ‘सबसे लोकप्रिय’ चुनाव प्रचारक
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मांझी का दावा, मैं ही हूं एनडीए का ‘सबसे लोकप्रिय’ चुनाव प्रचारक

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और महादलित नेता जीतन राम मांझी ने आज कहा कि बिहार चुनाव में राजग के सभी सहयोगी दलों में वे ‘सबसे लोकप्रिय चुनाव प्रचारक’ हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव में राजग के अन्य घटक दलों के मुकाबले उनकी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहेगा।

मांझी का दावा, मैं ही हूं एनडीए का ‘सबसे लोकप्रिय’ चुनाव प्रचारक

पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और महादलित नेता जीतन राम मांझी ने आज कहा कि बिहार चुनाव में राजग के सभी सहयोगी दलों में वे ‘सबसे लोकप्रिय चुनाव प्रचारक’ हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव में राजग के अन्य घटक दलों के मुकाबले उनकी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहेगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को उन्हें और सीटें देनी चाहिए थीं क्योंकि हर जगह लोग उन्हें देखना चाहते हैं। इन चुनावों में राजग और जदयू-कांग्रेस-राजद के महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर होती दिख रही है।

मांझी ने कहा कि अगर उनकी पार्टी को 40 सीटें दी जातीं तो पार्टी 35 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करती। उन्होंने कहा कि यह समय ही बताएगा कि उनकी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) को मात्र 21 सीट देने के निर्णय पर भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को पछतावा होगा या नहीं।

मांझी ने दावा किया कि गरीब लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख राम विलास पासवान ने उनसे अनुरोध किया कि वह अलौली में टेलीफोन के माध्यम से एक चुनावी सभा को संबोधित करें। अलौली से पासवान के भाई और लोजपा के प्रदेशाध्यक्ष पशुपति पारस चुनाव लड़ रहे हैं। पासवान बिहार के अन्य बड़े दलित नेता हैं और अनूसूचित जाति के मतदाताओं में उनकी अच्छी पकड़ है।

अपने जोरदार प्रचार अभियान के दौरान एक साक्षात्कार में मांझी ने कहा कि महागठबंधन टूटे हुए कांच के टुकड़े की तरह बिखर गया है और इन चुनावों में राजग को दो तिहाई बहुमत मिलेगा क्योंकि उसके सामने कोई चुनौती नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘मेरा प्रदर्शन चुनावों में भाजपा समेत अन्य सभी दलों से बेहतर रहेगा। इसका कारण यह है कि गरीबों के बीच मेरे समर्थन में एक लहर है क्योंकि मैंने उनके लिए काम शुरू किए थे और उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोक दिया । अब वे इसका बदला लेना चाहते हैं।’