Lok Sabha Chunav 2024: लालू प्रसाद यादव की तरफ से मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने के बयान पर अब तेजस्वी यादव ने डैमेज केंट्रोल करने की कोशिश की. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि मोदी सरकार ने देशभर में जातिगत जनगणना कराने के हमारे प्रस्ताव को कभी भी स्वीकृति ही नहीं दी बल्कि जातिगत जनगणना रुकवाने के लिए देश के सॉलिसिटर जनरल को भी सुप्रीम कोर्ट में खड़ा किया.
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Bihar Lok Sabha Chunav 2024: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए वाले बयान से कुछ ही घंटों में यू टर्न ले लिया. हालांकि, सियासी डैमेज होते देख अब तेजस्वी यादव ने हालात को संभालने की कोशिश की. उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक एक्स पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा और लालू प्रसाद यादव के कहने के मतलब को समझाया.
तेजस्वी यादव ने लिखा कि बीजेपी विशुद्ध रूप से आरक्षण विरोधी है. बिहार में मात्र 17 महीनों में हमारी सरकार ने राजद के सामाजिक न्याय, नीतियों और प्रतिबद्धता के चलते देश में प्रथम बार जातिगत गणना करवाने और आरक्षण सीमा बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का ऐतिहासिक कार्य किया.
राजद नेता ने आगे लिखा कि हमारी पहल पर ही बिहार कैबिनेट ने राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में वंचित जातियों का आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किए जाने संबंधी संशोधित प्रावधानों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार से बारम्बार अनुरोध किया लेकिन आरक्षण विरोधी बीजेपी सरकार ने गलत मंशा के चलते अभी तक इसे 9वीं अनुसूची में नहीं डाला है.
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि मोदी सरकार ने देशभर में जातिगत जनगणना कराने के हमारे प्रस्ताव को कभी भी स्वीकृति ही नहीं दी बल्कि जातिगत जनगणना रुकवाने के लिए देश के सॉलिसिटर जनरल को भी सुप्रीम कोर्ट में खड़ा किया. इससे स्पष्ट होता है की बीजेपी और मोदी सरकार एकदम आरक्षण, वंचित वर्गों के उत्थान और उत्थान दलित, पिछड़ा, आदिवासी, गरीब और बहुजन विरोधी है.
लालू यादव का बयान और यू टर्न को जानिए
बता दें कि इससे पहले लालू प्रसाद यादव ने मुसलमानों को पूरा आरक्षण देने की वकालत की थी. पटना में मीडिया के सवाल पर लालू यादव ने कहा था कि जनता समझ गई है बीजेपी को, मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए. इसके बाद लालू यादव ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा कि आरक्षण का आधार धर्म नहीं बल्कि सामाजिक पिछड़ापन होता है. प्रधानमंत्री को इतनी सी भी समझ नहीं है. मंडल कमीशन हमने लागू करवाया है. क्या नरेंद्र मोदी ने कभी मंडल कमीशन और उसकी सिफ़ारिशें पढ़ी है? मंडल कमीशन में 3,500 से अधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण मिलता है, जिसमें अन्य धर्मों की भी सैंकड़ों जातियों को आरक्षण मिलता है.