सिस्टम के आगे फ्यूचर सरेंडर! BRC में पुस्तक ढ़ोते दिखे छात्र, प्रधानाध्यापक ई-रिक्शा से स्कूल ले जा रहे किताब
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सिस्टम के आगे फ्यूचर सरेंडर! BRC में पुस्तक ढ़ोते दिखे छात्र, प्रधानाध्यापक ई-रिक्शा से स्कूल ले जा रहे किताब

Munger News: शिक्षा विभाग में लालफीताशाही का आलम यह है कि यहां के अधिकारी निदेशालय के आदेश को नहीं मानते हैं. खुद अपना आदेश चलाते हैं. शुक्रवार की दोपहर पूरबसराय स्थित बीआरसी में दर्जनों प्रधानाध्यापकों को पुस्तकों का बंडल ले जाते देखा गया. 

मुंगेर में BRC में पुस्तक ढ़ोते दिखे छात्र

Munger: एक अप्रैल से विद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में शिक्षा विभाग सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में बच्चों के बीच पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने में लगा हुआ है. विभागीय निर्देशानुसार 12 अप्रैल के 10 बजे दिन तक सभी विद्यालयों में पाठ्य पुस्तकें पहुंच जानी थी. इसे पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, पीओ और डीपीओ को सौंपा गया था. 

इस संबंध में 10 अप्रैल को भी माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी डीईओ को पत्र के माध्यम से निर्देशित किया गया था. इसके माध्यम से निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने स्पष्ट आदेश दिया था कि सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और कार्यक्रम पदाधिकारी या जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को उपलब्ध कराए गए वाहन के साथ ही विभाग में उपलब्ध सभी वाहनों का प्रयोग विद्यालयों तक पुस्तकों को पहुंचाने में किया जाना है. लेकिन जिले में स्थिति इसके ठीक विपरीत देखी गई.

बीआरसी में पुस्तक ढ़ोते दिखे विद्यार्थी
शिक्षा विभाग में लालफीताशाही का आलम यह है कि यहां के अधिकारी निदेशालय के आदेश को नहीं मानते हैं. खुद अपना आदेश चलाते हैं. शुक्रवार की दोपहर पूरबसराय स्थित बीआरसी में दर्जनों प्रधानाध्यापकों को पुस्तकों का बंडल ले जाते देखा गया. प्रधानाध्यापक अपने सहयोग के लिए अपने कुछ छात्रों को लेकर आए थे ताकि विद्यालयों की सहयोग से वे पुस्तकों को उठाकर ई-रिक्शा की मदद से अपने विद्यालय तक ले जा सकें. ये सभी प्रधानाध्यापक अपने विभागीय अधिकारियों के मौखिक आदेश के आगे नतमस्तक थे. 

प्रधानाध्यापक विद्यालय का काम छोड़ पुस्तक ले जाने के लिए बीआरसी भवन पहुंचे थे. उनके मन में यह डर देखा गया कि अगर वे खुद आकर बीआरसी से पुस्तक नहीं ले जाते हैं तो अगले दिन विद्यालय निरीक्षण के नाम पर उन्हें प्रताड़ित किया जाएगा. ऐसे में वे खुद के खर्च पर बीआरसी भवन पहुंचे और अपने विद्यार्थियों की मदद से ई-रिक्शा पर पुस्तकें लादकर ले गए. 

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वरीय अधिकारी के निर्देश पर प्रधानाध्यापकों को बुलाया
बीआरएसी में बैठकर प्रधानाध्यापकों के बीच पुस्तक वितरण कर रहे बीपीएम अश्विनी कुमार ने कहा कि वरीय अधिकारियों के निर्देश पर वे सभी प्रधानाध्यापकों को पुस्तक लेने के लिए बीआरसी बुलाए हैं. विभागीय निर्देशानुसार विद्यालय तक पुस्तक पहुंचाने के मद में राशि उपलब्ध नहीं है. वहीं, प्रधानाध्यापकों ने बताया कि बीआरसी में उन्हें 60 प्रतिशत ही पुस्तकें उपलब्ध कराई गई है. ऐसे में बाकी 40 प्रतिशत बच्चे बिना पुस्तक के ही पढ़ाई करने को मजबूर होंगे. 

रिपोर्ट: प्रशांत कुमार

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