NEET UG Paper Leak: किराये का कमरा, 6 महीने की तैयारी, रातभर रटवाया उत्तर, NEET पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा
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NEET UG Paper Leak: किराये का कमरा, 6 महीने की तैयारी, रातभर रटवाया उत्तर, NEET पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा

NEET UG Paper Leak: पुलिस ने बताया कि इंजीनियर सिकंदर यादवेंदू ने डील करने के लिए दानापुर से अपना ठिकाना बदल कर खेमनीचक से थोड़ा आगे मनोहरपुर कछुआरा मोड़ के पास दो कमरों का फ्लैट किराये पर ले लिया था. घर के मालिक दनियावां के प्रभात रंजन हैं.

NEET पेपर लीक

NEET UG Paper Leak: नीट यूजी (NEET UG) पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस ने नया खुलासा किया है. बिहार की पटना पुलिस ने निचली अदालत में दावा किया है कि नीट यूजी का पेपर लीक हुआ था. कोर्ट को दिये गये आवेदन में पुलिस स्पष्ट कर चुकी है कि नीट यूजी का प्रश्नपत्र लीक करने के बाद कदाचार करते हुए सेटरों, अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक, इंजीनियर सिकंदर यादवेंदू नाम का शख्स इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड है. पुलिस ने बताया कि पेपर लीक करने के लिए पिछले 6 महीने से तैयारी चल रही थी. पुलिस के अनुसार, इंजीनियर सिकंदर यादवेंदू ने इस कांड को करने के लिए किराये के फ्लैट का इस्तेमाल किया. उस फ्लैट में वह कोविड से पहले लर्न एंड प्ले स्कूल और ब्वायज हॉस्टल चलाता था. 

पुलिस ने बताया कि इंजीनियर सिकंदर यादवेंदू ने डील करने के लिए दानापुर से अपना ठिकाना बदल कर खेमनीचक से थोड़ा आगे मनोहरपुर कछुआरा मोड़ के पास दो कमरों का फ्लैट किराये पर ले लिया था. घर के मालिक दनियावां के प्रभात रंजन हैं. वह वहां नहीं रहते हैं और घर खाली रहता है. उस घर में एक और किरायेदार रहता है. कोरोना से पहले इस जगह पर एक स्कूल और लड़कों का हॉस्टल चलता था. पुलिस के अनुसार, मकान मालिक के नहीं रहने के कारण सिकंदर यादवेंदू वहां आराम से सेटिंग में जुटा रहता था. इस घर में सिकंदर ने 25 छात्रों को लाया था और रात भर रख कर प्रश्नपत्र व आंसर रटवाया था. इसके बाद पांच मई को परीक्षा के लिए सभी को सेंटर तक खुद ही पहुंचाया था. 

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पेपर लीक के बाबत पांच मई को शास्त्री नगर थाने में दर्ज कांड संख्या 358/24 के अनुसंधानकर्ता सह दारोगा तेज नारायण सिंह ने 6 प्राथमिकी और 7 अप्राथमिकी अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए पटना सदर कोर्ट के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (9) की अदालत में अग्रसारण प्रतिवेदन दिया था. पुलिस के पास आरोप-पत्र समर्पित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं. प्राथमिकी आइपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 407/408/409/120 (बी) के तहत की गई है. एसएसपी ने बताया कि पुलिस सभी अभियुक्तों को बारी-बारी से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी.

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