बिहार: 24 घंटे में बदल गई पटना के गंगा घाटों की स्थिति, कौन है जिम्मेदार?
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बिहार: 24 घंटे में बदल गई पटना के गंगा घाटों की स्थिति, कौन है जिम्मेदार?

Ganga Ghat: पटना में दीदारगंज से नासरीगंज के बीच 90 घाट है. अधिक पानी की वजह से 16 घाटों पर जिला प्रशासन ने छठ से मनाही कर दी गई थी.

(फाइल फोटो)

पटना: Ganga Ghat: लोक आस्था के महान पर्व छठ का अनुष्ठान पूरा हो चुका है. लाखों की संख्या में आए बिहारी अब अपने अपने कार्यस्थल की ओर लौट रहे हैं. जिस सिद्धत और मेहनत के साथ पटना में गंगा घाटों की सफाई कराई गई थी अब उसकी अलग तस्वीर सामने आई है.

24 घंटे में बिगड़ी हालत 
पटना में जिन-जिन गंगा घाटों पर डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया आज वो गंदा नजर आ रहा है. सिर्फ 24 घंटे में ही घाटों की हालत अच्छी से बुरी स्थिति में पहुंच गई है.

पटना में दीदारगंज से नासरीगंज के बीच 90 घाट है. अधिक पानी की वजह से 16 घाटों पर जिला प्रशासन ने छठ से मनाही कर दी गई थी. हालांकि, आस्था के इस महान पर्व में दोनों अर्घ्य सकुशल पूर्वक डाले गए लेकिन आम लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आए. 

दीघा, पाटीपुल, शिवा और मीनार घाट पर जबरदस्त रूप से बासी फुल और मालाएं फेंक दिए गए हैं. मिट्टी के बने बर्तन, घड़े, प्रतिमाओं को घाट किनारे छोड़ दिया गया है.

दरअसल, छठ पूजा के दौरान घर में काफी मात्रा में फूल,पत्तियों और मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल होता है. कायदे से इसे गंगा के किनारे गड्ढे बनाकर इस पर मिट्टी डालनी चाहिए थी लेकिन ऐसा इस बार भी नहीं हुआ.

नगर निगम ने नहीं किया पहल
घर से लाकर इन सामान को आज गंगा घाट के किनारे छोड़ दिया गया है. पटना में सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है, लेकिन फिलहाल निगम ने इन गंदगी को हटाने के लिए कोई पहल नहीं की है.

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