उतर बिहार को राजधानी पटना से जोड़ने वाले गांधी सेतु हाइवे को हाजीपुर के पासवान चौक के पास जाम कर दिया गया है. सड़क पर गाड़ियों की कतार लगी हुई है. खबर के मुताबिक बंदी के दौरान यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप कर दी गई है, लेकिन एंबुलेंस को बंद से दूर रखा गया है.
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पटना : अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवावरण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट) को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने आज (2 अप्रैल को) भारत बंद का ऐलान किया है. इसका व्यापक असर बिहार के विभिन्न हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है.
भारत बंद को लेकर उतर बिहार को राजधानी पटना से जोड़ने वाले गांधी सेतु हाइवे को हाजीपुर के पासवान चौक के पास जाम कर दिया गया है. सड़क पर गाड़ियों की कतार लगी हुई है. खबर के मुताबिक बंदी के दौरान यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप कर दी गई है, लेकिन एंबुलेंस को बंद से दूर रखा गया है.
भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने लहेरियासराय स्टेशन पर दरभंगा-पटना इंटरसिटी ट्रेन को रोक दिया और फैसले के विरोध में नारेबाजी की. दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह ठप है. बंद से लंबी दूरी के यात्रा कर रहे मुसाफिरों को काफी परेशानियों सामना करना पड़ रहा है.
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एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ आरा में अहले सुबह से ही हजारों की संख्या में लोग विभिन्न संगठनों के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आरा रेलवे स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर भारत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कई ट्रेनों को रोक दिया है. बंदी के कारण आरा के सभी दुकानदारों ने भी अपनी-अपनी दुकानें बंद रखी है.
वहीं, बाढ़ में भारत बंद के दौरान अथमलगोला स्टेशन रेलवे लाइन पर दलित सेना और भीम आर्मी सेना के कार्यकर्ताओं ने पत्थर का स्लीपर रख कर अपना विरेध जताया. अरवल में विभिन्न दलों के दलित संगठन, राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पटना औरंगाबाद मुख्य पथ को किया जाम कर दिया. नवादा में भी बंद समर्थकों ने गया-जमालपुर पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया.
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छपरा में दलित संगठनों के बन्द को देखते हुए 800 पुलिसकर्मी 300 पुलिस पदाधिकारी को प्रतिनयुक्त किया गया है. उत्पात मचाने वालों पर वीडियोग्राफी के जरिए निगरानी करने का आदेश दिया गया है.