छाती के भारीपन, सांस की परेशानी हो तो, इन आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का करें इस्तेमाल, फेफड़े होंगे मजबूत
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छाती के भारीपन, सांस की परेशानी हो तो, इन आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का करें इस्तेमाल, फेफड़े होंगे मजबूत

How to Clean Lungs Naturally : पूरी दुनिया में कोरोनावायरस ने जो तबाही मचाई उसका सबसे ज्यादा असर लोगों के श्वसन तंत्र पर देखने को मिला. वहीं इस वायरस ने उन लोगों को ज्यादा परेशान किया जिनको पहले से ही श्वांस की परेशानी थी.

(फाइल फोटो)

पटना : How to Clean Lungs Naturally : पूरी दुनिया में कोरोनावायरस ने जो तबाही मचाई उसका सबसे ज्यादा असर लोगों के श्वसन तंत्र पर देखने को मिला. वहीं इस वायरस ने उन लोगों को ज्यादा परेशान किया जिनको पहले से ही श्वांस की परेशानी थी. चाहे अस्थमा हो या सायनेस, नजला हो या खांसी, चाहे लोगों को दमा की शिकायत हो ये सभी बीमारियां श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियां हैं और इसकी वजह से लोगों को इस कोरोना काल में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा.   

हालांकि बढ़ते प्रदूषण की वजह से भो लोगों के फेफड़ों को काफी नुकसान हुआ है. इससे भे लोगों की श्वसन क्षमता पर असर पड़ा है. वहीं कई लोगों को एलर्जी की भी समस्या रही है. यह भी आपके श्वसन को प्रभावित करता है. ऐसे में इन सबकी वजह से सांस लेने की क्षमता में कमी आती है. 

लोगों में इस वजह से सांस की कमी, सांस लेने में तकलीफ, सांस फूलना, छाती में भारीपन, सांस के फूलने की वजह से थकान, सिर दर्द जैसी समस्याएं होती रहती हैं. ऐसे में अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको इन बीमारियों से निजात पाने की जरूरत है. इसके लिए जरूरी है कि आपको पर्याप्त मात्रा में सांस मिले. इसके लिए कई घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे और जड़ी बूटी हैं जिसके उपयोग से आप अपने श्वसन तंत्र को स्वस्थ रख सकते हैं या फिर अपनी समस्या को कम कर सकते हैं. 

तुलसी
इसमें तुलसी आपको लिए सबसे ज्यादा सहायक है, तुलसी के अर्क आजकल बाजार में मौजूद हैं. यह एक बेहतर एंटीऑक्सीडेंट है. जिसमें जिंक और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है. यह आपके इम्यून सिस्टम को प्राकृतिक तौर पर मजबूत करता हैं. इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं. इसके सेवन से आप अपने श्वसन तंत्र को मजबूत कर सकते हैं. ताकि आप किसी भी तरह के संक्रमण से बच सकें. 

मुलैठी
मुलैठी एक ऐसी औषधी है जिसका उपयोग लोग गले की खराश को खत्म करने में करते हैं. इसकी जड़ को चबाया जाए तो इसका स्वाद आपको मीठा लगेगा. पान के साथ भी लोग इसका इस्तेमाल गले को साफ करने के लिए हीं करते हैं. यह निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है.  इसमें ग्लाइसीर्रिज़िन नामक टैनिन होता है.

पिप्पली
पिप्ली की तासीर गर्म होती है और इसका स्वाद थोड़ा तीखा होता है. आप इसे अपने किचन में रखते हैं और सब्जियों में इसका इस्तेमाल मसाले के तौर पर करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि यह आपके श्वसन तंत्र के लिए वरदान है. यह कफ नाशक होने के साथ ही आपकी श्वसन की क्षमता को भी बढ़ाता है. शहद के साथ इशके पाउडर का इस्तेमाल आपके लिए लाजवाब फायदा देने वाला है.  

कालमेघ
कालमेघ तो श्वसन संबंधी परेशानियों के इलाज के लिए पहले से ही औषधी के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेशन, एंटीवायरल, एंटी बैक्टीरियल और एंटीऑक्सिडेंट गुण पाया जाता है जो संक्रमण, बुखार, सामान्य सर्दी, खांसी, फ्लू और अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करता है. 

वासाका
वासाका का भी इस्तेमाल आप अपने श्वसन तंत्र की समस्या को दूर करने के लिए कर सकते हैं. इसे मालाबार नट के नाम से भी जाना जाता है. इसका काम श्वसन प्रणाली को मजबूत करना है. 

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