‘सड़क, स्कूल और अस्पताल नहीं तो वोट नहीं’, सुपौल में ग्रामीणों ने दी वोट बहिष्कार की चेतावनी
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‘सड़क, स्कूल और अस्पताल नहीं तो वोट नहीं’, सुपौल में ग्रामीणों ने दी वोट बहिष्कार की चेतावनी

सुपौल: सुपौल के एक गांव के लोगों ने इस बार मतदान नहीं करने का फैसला किया है. लोगों का कहना है कि नेताजी सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं.

सुपौल में वोट बहिष्कार की चेतावनी

सुपौल: सुपौल लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत बसंतपुर प्रखंड के सीतापुर पंचायत वार्ड 10 पासवान टोला के लोगों ने इस बार मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है. लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान नेताजी सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं. जब सांसद बन जाते हैं तो इस गांव के लोगों की समस्या भूल जाते हैं. दोबारा लौट कर झांकने तक नहीं आते हैं. गांव के लोगों ने कहा कि करीब डेढ़ हजार की आबादी वाले इस गांव में आजादी के इतने साल बीत जाने के बावजूद आज तक सड़क स्कूल और अस्पताल की सुविधा नसीब नहीं हुआ है.

सड़क नहीं होने के कारण गांव की स्थिति बरसात के दिनो मे नरकीय हो जाती है. लोगों ने कहा कि बारिश के दिनों में गांव वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जब लोग बीमार पड़ते हैं तो उन्हें खटिया के सहारे कई किलोमीटर का सफर तय कर इलाज के लिए दूर ले जाना पड़ता है. खासकर वो समय गर्भवती महिला और बुजुर्ग के लिए काफी कठिन हो जाता है. सड़क की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण गांव के लोगों की आवाजाही प्रभावित रहती है. कहा कि इस टोले के तमाम बच्चे 04 किलोमीटर दूर में स्थित सीतापुर स्कूल पढ़ने जाते हैं.

लोगों का कहना है कि जब कोई बीमार पड़ता है तो यहां से 15 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. ऐसी स्थिति में तमाम गांव वालों ने मुखर होकर कहा है कि जब गांव वालों की समस्या कोई नेता सुनता ही नहीं है तो इस बार गांव के लोग मतदान नहीं करने की चेतावनी दी है. गांव वालों ने फैसला किया है कि सड़क, स्कूल और अस्पताल नहीं तो वोट नहीं. गांव वालों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक गांव वालों की इस समस्या का निदान नहीं होगा गांव का समुचित विकास नहीं होगा. तब तक वे लोग वोट नहीं डालेंगे.

इनपुट- सुभाष झा

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