टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए UNICEF ने किया टीकू टॉक का आयोजन
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar481903

टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए UNICEF ने किया टीकू टॉक का आयोजन

यूनिसेफ की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता ने कहा कि टीकू टॉक एक एडूटेंमेंन्ट कार्यक्रम है जिसमें जादू, गीत और खेलों के द्वारा टीकाकरण और विशेष नवजात देखभाल इकाई के बारे में जागरूकता फैलाया जाता है.

सम्पूर्ण टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए टीकू टॉक का आयोजन.

पटना : यूनिसेफ, राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार, इंडियन एकेडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स, बिहार शाखा द्वारा सम्पूर्ण टीकाकरण को बढ़ावा देने और विशेष नवजात देखभाल इकाई के बारे में जन जागरूकता फ़ैलाने के लिए टीकू टॉक का आयोजन राजकीय कन्या उच्च विद्यालय बांकीपुर में किया गया.

कार्यक्रम का उद्घाटन विशेष सचिव, पथ निर्माण विभाग, देवेश सेहरा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, पटना, डॉ एसपी विनायक, यूनिसेफ की संचार विशेषज्ञ  सुश्री निपुण गुप्ता, स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ हुबे अली, इंडियन एकेडेमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, बिहार शाखा के उपाध्यक्ष और बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ एनके अग्रवाल, राजकीय उच्च विद्यालय बांकीपुर की प्राचार्य  मीना कुमारी और सारेगामा फेम गायक केशव त्योहार के अन्य गणमान्य अतिथियों कि उपस्थिति में किया. इस दौरान 1000 से अधिक छात्र और शिक्षक शामिल हुए. 

कार्यक्रम के दौरान अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यूनिसेफ की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता ने कहा कि टीकू टॉक एक एडूटेंमेंन्ट कार्यक्रम है जिसमें जादू, गीत और खेलों के द्वारा टीकाकरण और विशेष नवजात देखभाल इकाई के बारे में जागरूकता फैलाया जाता है. अब तक इस कार्यक्रम का आयोजन बिहार के 5 जिलों पूर्णिया, अररिया, मुजफ्फरपुर, गया और जमुई के 20 कम प्रतिरक्षण वाले प्रखंडों में किया गया है.

इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को यह बताया जाता है कि टीकाकरण के बारे में खुद भी जागरूक हो और दूसरों को भी बताये.  टीका लगने के बाद बच्चों को हल्का बुखार आता है इससे घबराये नहीं इसका मतलब है की टीका असर कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों के टीकाकरण के कार्ड को साथ रखने का आग्रह किया. 

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पथ निर्माण विभाग के विशेष सचिव देवेश सेहरा ने कहा कि टीकू टॉक बिहार के अलग अलग जिलों से होकर आज पटना पंहुचा है. हर एक दिया जिस तरह दूसरे दिया को जलाता है उसी तरह टीकू टॉक में मिली जानकारी को एक से दूसरों तक पहुचाएं. स्वास्थ्य दिमाग के लिए शरीर का स्वस्थ्य होना बहुत जरुरी है और टीकाकरण उसकी पहली कड़ी है. उन्होंने कहा कि मैं कोशिश करूँगा कि मेरा बेटा अपने स्कूल में सबसे पहले एम.आर का टीका लगवाए ताकि दूसरे बच्चे भी इससे प्रेरित हो सकें. 

पटना के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एस पी विनायक ने टीकाकरण के बारे में बताते हुए कहा कि पटना में पूर्ण टीकाकरण का प्रतिशत 84 है जिसे हमें शत प्रतिशत करना है. सभी बच्चों को 11 बीमारियों से बचाने के लिए 5 साल कि उम्र तक 7 बार टीकाकरण केंद्र पर लेकर जाएँ. अभी तक सरकार 10 टीका मुफ्त दे रही है 11 वां टीका रूबेला का होगा जो मुफ्त होगा.

कार्यक्रम के दौरान जादूगर  ने टीकाकरण और एसएनसीयू पर आधारित जादू के खेल दिखाए . इसके अलावा उन्होनें सभी 10 बीमारियों पोलियों, टीबी, डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, खसरा, जेई, हिब और हेपेटाइटीस बी के बारे में अलग- अलग जादूई खेलों के माध्यम से लोगों को समझाया. साथ ही लोगों को, गंभीर रूप से बीमार नवजात बच्च्यिं को बिना किसी देर के एसएनसीयू ले जाने की सलाह दी.  बैलून खेल के माध्यम से लोगों को यह बताने की कोशिश की जो छोटे बैलून है उनका मतलब है कि उनका टीका छूट गया है इसलिए छोटा है. जो बड़े बैलून है उसका मतलब उन्हें पूरे टीके लगे है . इसका मतलब की टीकों में दम होता है जो बच्चों को स्वस्थ रखता है.

यूनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ सैयद हुबे अली ने खसरा रुबैला टीकाकरण के बारे में कहा कि यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है और इसे पुणे के सीरम संस्थान में विकसित किया गया है. दुनिया के 116 देशों में एमआर अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है. भारत के 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 18.6 करोड़ बच्चों को सुरक्षित रूप से टीकाकरण किया है. बिहार में इस अभियान का लक्ष्य 4 करोड़ बच्चों का टीकाकरण करना है. आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि खसरा एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है और पांच से कम उम्र के बच्चों में बहुत अधिक रुग्णता और मृत्यु दर का कारण बनती है. Lancet 2015: Global Causes of U5MR के अनुसार रुबैला के कारण हर साल बिहार में 4000 बच्चों की मृत्यु हो जाती है जिन्हें इस टीकाकरण के माध्यम से बचाया जा सकता है. टीकाकरण से पहले बच्चों को नास्ता करवाना आवश्यक है क्योकिं यह बहुत जरुरी है कि एमआर के टीके के पहले बच्चे भूखे न हो.
 
कार्यक्रम में सारेगामा फेम पटना के प्रसिद्ध गायक केशव त्योहर , आर जे शशि और  ने ये हौसला कैसे रुके  और अन्य गीतों के माध्यम से शमा बांध दिया. अपने गानों के माध्यम से बेटे बेटियों कि एकसमान देखभाल करने, टीकाकरण करवाने का सन्देश दिया.  इसके साथ ही 15 जनवरी से शुरू होने वाले  मीजल्स रुबैला टीकाकरण के दौरान सभी बच्चों को टीकाकरण के लिए  प्रेरित किया.