Exclusive: एक्सक्लूसिव: 'पद्मावत' के जिस विलेन का विरोध कर रही है करणी सेना, MP की किताबों में वही खिलजी 'हीरो'
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Exclusive: एक्सक्लूसिव: 'पद्मावत' के जिस विलेन का विरोध कर रही है करणी सेना, MP की किताबों में वही खिलजी 'हीरो'

एक तरफ फिल्म के विरोध में करणी सेना ने देश के कानून व्यवस्था को ताक पर रख दिया वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की किताबों में छात्रों को खिलजी की शौर्य गाथा पढ़ाई जा रही है. पाठ्यक्रम में खिलती की युद्धनीति और बाजार नियंत्रण नीति की तारीफ की गई है. 

छात्रों को पढ़ाया जा रहा है कि खिलजी ने शीशे में रानी पद्मिनी की झलक देखी थी. (फाइल फोटो)

भोपाल, संदीप भाम्मरकर. संजय लीला भंसाली की 'पद्मावत' के जिस विलेन अलाउद्दीन खिलजी की करणी सेना विरोध कर रही है उसी को मध्य प्रदेश के पाठ्यक्रम में हीरो के तौर पर पेश किया गया है. एक तरफ फिल्म के विरोध में करणी सेना ने देश की कानून व्यवस्था को ताक पर रख दिया वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की किताबों में छात्रों को खिलजी की शौर्य गाथा पढ़ाई जा रही है. पाठ्यक्रम में खिलती की युद्धनीति और बाजार नियंत्रण नीति की तारीफ की गई है. पाठ्यक्रर्म के 334 पन्ने पर खिलजी को वीर बताते हुए लिखा गया है कि अपने समक्ष विषम कठिनाइयों को देखकर भी अलाउद्दीन खिलजी विचलित नहीं हुआ. उसने अत्यंत धैर्य कूटनीति एंव शक्ति से कठिनाइयों का सामना किया. छात्रों को पढ़ाया जा रहा है कि अलाउद्दीन खिलजी ने चितौड़ पर आक्रमण किया था और खिलजी ने शीशे में रानी पद्मिनी की झलक देखी थी.

  1. मध्य प्रदेश की 12वीं की किताबों में खिलजी का बखान
  2. एमपी में खिलजी शौर्य गाथा का पाठ पढ़ाया जा रहा है
  3. किताब से खिलजी के अंश को हटवाने की मांग करेंगे:  एमपी क्षत्रिय महासभा

यह है पाठ में..
पाठ्यक्रर्म के 334 पन्ने पर खिलजी को वीर बताते हुए लिखा गया है कि यद्दयपि अलाउद्दीन खिलजी में दोष थे लेकिन वो प्रतिभावान और योग्य व दृढ़ निश्चय वाला व्यक्ति था.

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मध्य प्रदेश के 12वीं कक्षा के बच्चों को इतिहास की किताब में अलाउद्दीन खिलजी की वीरता की कहानी पढ़ाई जा रही है. बच्चों को चित्तौड़ पर आक्रमण का पाठ पढ़ाया जा रहा है. इस पाठ में लिखा है कि, खिलजी के चित्तौड़ पर आक्रमण की वजह यही थी कि वो महारानी पद्मिनी को पाना चाहता था. 

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किताब में बताया गया है कि किस तरह खिलजी के चित्तौड़ पर घेरा डालने से किले में राशन का संकट खड़ा हुआ, तो रावल रतन सिंह ने खिलजी को रानी पद्मिनी को शीशे में दिखाने का प्रस्ताव स्वीकार किया और खिलजी ने शीशे में रानी पद्मिनी की झलक देखी थी.
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मध्य प्रदेश क्षत्रिय महासभा ने किताब में खिलजी के गुणगान पर आपत्ति जताई है. एमपी क्षत्रिय महासभा के महामंत्री दीपक चौहान ने कहा कि हम किताब से खिलजी के अंश को हटवाने की मांग करेंगे. इस किताब में रानी पद्मावती के लिए मात्र 2 लाइनें और खिलजी के लिए 13 पन्ने लिखे गए हैं. 
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उन्होंने कहा कि राजपूत समाज इन किताबों को जलाएगा. क्षत्रिय महासभा के महामंत्री ने कहा कि किताब के लेखक को भी राजपूत समाज कोर्ट में चुनौती देगा. वहीं मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय शाह से इस बारे में पूछने पर पता चला कि उन्हें किताब के पाठ के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. उन्होंने कहा कि किताब देखकर हम कुछ बता पाएंगे.

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