कैलाश विजयवर्गीय ने फिर दिया विवादित बयान, खिलौने से की राहुल गांधी की तुलना
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कैलाश विजयवर्गीय ने फिर दिया विवादित बयान, खिलौने से की राहुल गांधी की तुलना

कैलाश विजयवर्गीय ने पहले भी राहुल गांधी के धार्मिक अवतार को निशाना बनाया था. 

फाइल फोटो

इंदौर: बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की चाभी वाले खिलौना से तुलना करते हुए शनिवार को दावा किया कि वह अपने सलाहकारों के कहे मुताबिक इन दिनों धार्मिक अवतार में नजर आ रहे हैं. विजयवर्गीय ने इंदौर में कहा, "राहुल कांग्रेस के युवराज हैं. अब युवराज तो अपने सलाहकारों के कहे मुताबिक ही काम करते हैं. लिहाजा कांग्रेस अध्यक्ष अपने सलाहकारों के कहने पर कभी किसी मूर्ति के आगे दंडवत करते हैं, तो कभी जनेऊ पहन लेते हैं. ठीक उसी तरह, जिस तरह कोई घोड़े वाला खिलौना चाभी भरने पर चल पड़ता है और चाभी खत्म होने पर रुक जाता है." 

उन्होंने कहा, "खिलौना घोड़ा उतना ही चल सकता है, जितनी उसकी चाभी की क्षमता होती है." गौरतलब है कि प्रदेश के चुनावी दौरों में राहुल धार्मिक वेश-भूषा में अलग-अलग मंदिरों में दर्शन-पूजन कर रहे हैं. पिछली बार वह 29 अक्टूबर को उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव के इस स्वरूप की पूजा करते नजर आये थे. 

सबको अपनी इच्छा से सियासी पार्टी चुनने का हक- कैलाश
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह के भाई संजय सिंह मसानी शनिवार को बीजेपी को झटका देते हुए कांग्रेस में शामिल हो गये. इस बारे में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर विजयवर्गीय ने मीडिया से प्रतिप्रश्न करते हुए कहा, "कौन हैं यह संजय सिंह मसानी? उनके कांग्रेस में शामिल में होने में खबर वाली कौन-सी बात है?" बीजेपी महासचिव ने कहा, "किसी भी व्यक्ति के रिश्तेदार को अपनी इच्छा के मुताबिक सियासी पार्टी चुनने का पूरा हक है." सूबे की 230 सीटों पर 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं .

पहले भी राहुल के धार्मिक अवतार पर साध चुके हैं निशाना 
गौरतलब है कि कैलाश विजयवर्गीय ने पहले भी राहुल गांधी के धार्मिक अवतार को निशाना बनाया था. उन्होंने राहुल पर निशाना साधते हुए इशारों ही इशारों में रावण से उनकी तुलना की. विजयवर्गीय ने कहा था, "हमने रामचरित मानस पढ़ी है जिसमें बताया गया है कि रावण माता सीता का हरण करने साधु के वेश में गया था. यह रावणी मानसिकता है कि प्रजातंत्र की सीता का हरण करने के लिये हम गले में दुपट्टा डाल लें, जनेऊ पहन लें और तिलक लगा लें. लेकिन जनता सब समझती है और वह इस रावणी प्रवृत्ति के साथ कभी नहीं जा सकती." 

(इनपुट भाषा से)

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