छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है.
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नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 को ध्यान में रखते हुए एक ओर कांग्रेस प्रदेश में आदिवासियों और युवाओं के बीच अपना जनाधार बढ़ाने में लगी है. वहीं सत्तारूढ़ दल बीजेपी नित नए लोक-लुभावन वादों की झड़ी लगा रहा है. छत्तीसगढ़ का चुनावी रण वैसे तो केवल दो प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी के बीच माना जा रहा है. लेकिन इन सबके बीच छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के लिए बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने भी ताल ठोंक दी है. बीएसपी ने राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है. इसके लिए प्रदेश के बीएसपी नेतृत्व ने हर सीट पर तीन दावेदारों के हिसाब से 270 लोगों की लिस्ट बनाकर बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को भेज दी है.
मायावती विपक्षी एकजुटता से अलग क्या अकेले चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं?
गठबंधन पर अंतिम फैसला करेंगी बसपा सुप्रीमो
राज्य में बीएसपी लगातार अपना जनाधार बनाने में लगी हुई है. बताया जा रहा है कि हर विधानसभा सीट पर तीन दावेदारों में से जिसका पलड़ा भारी होगा, उसे ही टिकट दी जाएगी. बसपा सुप्रीमो मायावती को भेजी गई लिस्ट के साथ ही पार्टी के आंतरिक सर्वे की रिपोर्ट भी भेजी गई है. वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में बीएसपी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका अंतिम फैसला बसपा सुप्रीमो मायावती ही लेंगी. सूत्रों की मानें तो, मध्य प्रदेश में चुनावी गठबंधन से किनारा करने वाली बीएसपी छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला ले सकती है. बताया जा रहा है कि आदिवासी और दलित वोटरों की सक्रियता को देखते हुए बीएसपी अकेले ही 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक में हुए चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीएसपी का मानना है कि चुनाव नतीजों के बाद ही गठबंधन या समर्थन जैसी स्थिति पर कोई फैसला लिया जाएगा.
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जेसीसीजे के मुखिया कर रहे हैं गठबंधन की कोशिश
वहीं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मुखिया अजीत जोगी को मायावती का करीबी माना जाता है. बताया जा रहा है कि जोगी भी बीएसपी के साथ गठबंधन को लेकर कोशिश में जुटे हुए हैं. बीजेपी ने बीएसपी के 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह के खिलाफ सारे दल एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि राज्य में बीजेपी की मजबूत पैंठ के कारण सभी दल दबाव मे हैं. उन्होंने कहा कि पहले के चुनावी नतीजे बताते हैं कि बीएसपी की ज्यादातर सीटों में जमानत जब्त हुई है और दलित वोटर भाजपा के साथ है. उन्होंने कहा कि बीएसपी के 90 सीटों पर चुनाव लड़ने से बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
पहले के चुनावों मे बीएसपी रही है कमजोर
आपको बता दें कि 2003 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने 54 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे, जिनमें दो को ही जीत मिली थी. वहीं 46 उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी. 2008 में बीएपी ने 90 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें दो उम्मीदवार जीते थे और 83 की जमानत जब्त हुई थी. वहीं 2013 विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने 90 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे और केवल एक सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई थी. इनमें से 84 सीटों पर बीएसपी की जमानत जब्त हुई थी.