चकआसन गांव में रहने वाले लखमी सिंह मीणा ने अपनी स्कूटी पर नंबर की जगह 'कलेक्टर का भाई' लिखवा रखा था.
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श्योपुर: एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान वीआईपी कल्चर खत्म करने की अपील कर रहे हैं, वहीं लोग इसे स्टेटस सिंबल बनाने पर उतारू हैं. मध्य प्रदेश के श्योपुर में मंगलवार को एक एक्टिवा स्कूटर की प्लेट पर नंबर की जगह 'कलेक्टर का भाई' लिखा पाया गया. इस स्कूटी पर आरटीओ की नजर पड़ी तो उन्होंने उसे झट से रोक लिया. आरटीओ ने इस स्कूटी को अपने कब्जे में ले लिया और इसके मालिक का तलब कर लिया. इसके बाद नंबर प्लेट से छेड़छाड़ के आरोप में स्कूटी के मालिक पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
बताया जा रहा है कि चकआसन गांव में रहने वाले लखमी सिंह मीणा ने अपनी स्कूटी पर नंबर की जगह 'कलेक्टर का भाई' लिखवा रखा था. मंगलवार को वह अपनी इस स्कूटी से मार्केट में निकले थे. तभी आरटीआ एबी कैबरे की उसपर नजर पड़ गई. उन्होंने जब लखमी सिंह मीणा को रोककर उन्हें गलती का अहसास कराया तो वे भड़क गए. उन्होंने रौब झाड़ते हुए कहा कि उनके भाई कलेक्टर हैं.
इसके बाद आरटीओ लखमी सिंह को लेकर कलेक्टर ऑफिस पहुंचे. यहां पूछताछ में पता चला कि आरोपी लखमी सिंह मीणा के रिश्ते में लगने वाले भाई राजस्थान के किसी जिले में कलेक्टर हैं. लखमी सिंह ने बचाव में कलेक्टर भाई का विजिटिंग कार्ड पर लिखाया. आरटीओ एबी कैबरे ने उनकी दलीलों को नजरअंदाज करते हुए 500 रुपए का फाइन लगा दिया. साथ ही स्कूटी पर लगे 'कलेक्टर का भाई' वाला प्लेट हटवाया गया.
आरटीओ ने लखमी सिंह मीणा को आगाह किया कि वे आगे से ऐसा न करें. देश का कानून हरेक इंसान के लिए बराबर होता है, फिर चाहे वह किसी भी पद पर क्यों ने बैठे हों. इस मामले में राजस्थान के आईएएस अफसर हर सहाय मीणा से पूछा तो उन्होंने कहा कि लखमी सिंह मीणा से मेरा कोई लेना-देना नहीं है.