मध्यप्रदेश में परंपरा का अनोखा खेल, हिंगोट युद्ध में 36 लोग घायल
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मध्यप्रदेश में परंपरा का अनोखा खेल, हिंगोट युद्ध में 36 लोग घायल

मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में धार्मिक परंपरा से जुड़े हिंगोट युद्ध के दौरान कल रात 36 लोग घायल हो गए. हिंगोट दरअसल आंवले के आकार वाला एक जंगली फल है

 प्रशासन हिंगोट युद्ध पर पाबंदी नहीं लगा पा रहा है: फोटो- ANI

इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में धार्मिक परंपरा से जुड़े हिंगोट युद्ध के दौरान कल रात 36 लोग घायल हो गए. हिंगोट दरअसल आंवले के आकार वाला एक जंगली फल है. फल का गूदा निकालकर इसे खोखला कर लिया जाता है. फिर इसमें कुछ इस तरह बारूद भरा जाता है कि आग लगते ही यह किसी अग्निबाण की तरह तेजी से निकल पड़ता है. देपालपुर क्षेत्र के एक आला पुलिस अफसर ने आज बताया कि यह रिवायती जंग इंदौर से करीब 55 किलोमीटर दूर गौतमपुरा कस्बे में हुई. इसमें मामूली रूप से घायल 33 लोगों का मौके पर मौजूद चिकित्सकों के दल ने प्राथमिक उपचार किया और उन्हें घर जाने की इजाजत दे दी गयी. अन्य तीन घायलों को गंभीर चोटों के चलते इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल भेजा गया है. अधिकारी ने बताया कि रिवायती जंग में घायल लोगों में ज्यादातर योद्धा  हैं जो एक-दूसरे पर हिंगोट दाग रहे थे.

  1. हिंगोट युद्ध धार्मिक परंपरा से जुड़ा है. 
  2. हिंगोट आंवले के आकार वाला एक जंगली फल है.
  3. हिंगोट को खोखला करके इसमें बारूद भरा जाता है 

 

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गौतमपुरा कस्बे में दीपावली के अगले दिन यानी विक्रम संवत की कार्तिक शुक्ल प्रथमा को हिंगोट युद्ध की धार्मिक परंपरा निभायी जाती है. गौतमपुरा के योद्धाओं के दल को तुर्रा नाम दिया जाता है, जबकि रुणजी गांव के लड़ाके कलंगी दल की अगुवाई करते हैं. दोनों दलों के योद्धा रिवायती जंग के दौरान एक-दूसरे पर हिंगोट दागते हैं. इस जंग में हर साल कई लोग घायल होते हैं.

माना जाता है कि प्रशासन हिंगोट युद्ध पर इसलिये पाबंदी नहीं लगा पा रहा है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय लोगों की धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं.

इनपुट भाषा से भी 

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