नक्सली कमांडर हिडमा 'भूत' के बारे में क्या जानते हैं आप ? पुलिस के पास न चेहरा, न इतिहास
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नक्सली कमांडर हिडमा 'भूत' के बारे में क्या जानते हैं आप ? पुलिस के पास न चेहरा, न इतिहास

मिली जानकारी के मुताबिक घने जंगलों के बीच रहने वाले हिडमा परछाई की तरह अपना काम करके गायब हो जाता है. यही कारण है कि उसे 'भूत' भी कहा जाता है.

(फाइल फोटो)

बस्तरः सुकमा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले, झीरमघाटी नरसंहार जैसी घटनाओं से पता चलता है कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में आज भी नक्सल कितना ताकतवर है. पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाबलों पर हमले की वारदातें पहले की तुलना में कहीं अधिक बढ़ गई हैं. ऐसे में इन सारी बड़ी वारदातों के पीछे सिर्फ एक ही नाम सुनने को मिलता है...हिडमा. आखिर कौन है ये हिडमा और कैसे काम करती है उसकी टुकड़ी ? कैसे वह हमेशा ही सुरक्षाबलों से एक कदम आगे रहता है ? बस्तर के घने जंगलों के बीच परछाई की तरह चलने वाले इस खूंखार नक्सली के बारे में सुरक्षाबलों को भी इसके नाम के अलावा कुछ नहीं पता, लेकिन 2017 से गायब इस नक्सली के एक बार फिर दिखने से बस्तर के कई इलाकों में हड़कंप मच गया है.

  1. घने जंगलों के बीच परछाई की तरह रहता है हिडमा
  2. हिडमा के ठिकानों के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं
  3. अब तक कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है हिडमा

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पिछले जीवन के बारे में कोई जानकारी नहीं
मिली जानकारी के मुताबिक नक्सली कमांडर 'हिडमा' को बस्तर में एक बार फिर देखा गया है. बता दें पुलिस न तो हिडमा के पिछले जीवन के बारे में कुछ जानती है और न ही यह जानती है कि आखिर वह क्या वजह थी कि सब कुछ छोड़ उसने नक्सल का रास्ता अपना लिया. हालांकि, ऐसे कम ही लोग हैं जो हिडमा के बारे में जानते हैं, लेकिन छत्तीसढ़ में कई बड़े हमलों में हिडमा का हाथ बताया जाता है. जिसके चलते छत्तीसगढ़ सरकार ने हिडमा को मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शामिल करते हुए उस पर 40 लाख का ईनाम घोषित किया है, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद आज तक छत्तीसगढ़ सरकार हिडमा तक पहुंचने में नाकामयाब रही है.

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ऑपरेशन प्रहार के दौरान लगी थी गोली
वैसे तो हिडमा को सार्वजनिक तौर पर किसी ने नहीं देखा है, लेकिन जिसने भी उसे कभी भी जंगली इलाकोें में देखा है वह बताते हैं कि 51 साल के हिडमा की लंबाई कम और वह दुबला पतला है. सामान्य सा दिखने वाला हिडमा बेहद खतरनाक है. बता दें 2017 में हुए नक्सली हमले में भी हिडमा का ही हाथ बताया जाता है. वहीं जून 2017 में एक खबर यह भी मिली थी कि ऑपरेशन प्रहार के दौरान 40 लाख के ईनामी हिडमा को गोला लगी थी और वह गंभीर रूप से घायल था, लेकिन इसके बाद हिडमा का क्या हुआ इसके बारे में किसी को नहीं पता. 

26 से भी अधिक केस दर्ज
हिडमा का असली नाम क्या है, वह कहां का रहने वाला है, माओवाद ज्वाइन करने के पीछे उसका क्या कारण है कोई नहीं जानता. बता दें मई 2013 में हुए झीरमघाटी नरसंहार और 2017 में बुरकापाल में मारे गए 23 सीआरपीएफ जवानों सहित हिडमा पर 26 से भी अधिक केस दर्ज हैं. 51 साल का छोटा और दुबला सा दिखने वाला हिडमा हमेशा ही अपने साथ एके-47 रखता है. लोगों के बीच खौफ पैदा करना उसका शौक है. बता दें हिडमा के साथ ही उसकी पत्नी भी नक्सली गैंग में शामिल है और हिडमा द्वारा निर्धारित हमलों में उसका साथ देती है. 

परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं
हिडमा कई झीरम घाटी और बुरकापाल हमलों सहित कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है, लेकिन पुलिस के बाद अब भी उसकी कोई जानकारी नहीं है. काफी खोजबीन के बाद भी उसके बारे में सिर्फ इतना ही पता चल पाया है कि वह सुकमा के जगरगुंडा इलाके से है, लेकिन इतनी पड़ताल के बाद भी उसके परिवार और रिश्तेदारों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई.

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