कमलनाथ सरकार में टूटी 14 साल पुरानी परंपरा, एक जनवरी को नहीं हुआ वंदे मातरम का गायन
Advertisement

कमलनाथ सरकार में टूटी 14 साल पुरानी परंपरा, एक जनवरी को नहीं हुआ वंदे मातरम का गायन

 नए साल के पहले दिन मंत्रालय के सामने पुलिस बैंड की मौजूदगी में सामूहिक तौर राष्ट्रगीत गायन नहीं हुआ, जबकि मौसम की परवाह किए बिना हर महीने की पहली तारीख को यह आयोजन दिसंबर 2018 तक होता रहा है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार में टूटी वंदे मातरम गायन की परंपरा.

विवेक पटैया, भोपाल: अपने वचनपत्र में आरएसएस की शाखाओं में सरकारी कर्मचारियों के जाने पर प्रतिबंध लगाने के वचन के साथ आई कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में राज्य मंत्रालय के सामने बीते 14 साल से चली आ रही वंदेमातरम् गायन की परंपरा मंगलवार को भंग हो गई. नए साल के पहले दिन मंत्रालय के सामने पुलिस बैंड की मौजूदगी में सामूहिक तौर राष्ट्रगीत गायन नहीं हुआ, जबकि मौसम की परवाह किए बिना हर महीने की पहली तारीख को यह आयोजन दिसंबर 2018 तक होता रहा है.

प्रदेश में नई सरकार बनने और आज नए मुख्य सचिव एसआर मोहंती के पदभार ग्रहण के साथ कर्मचारियों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और सीएस वंदेमातरम् में मौजूद हो सकते हैं. हर माह इस सामूहिक कार्यक्रम के लिए आदेश निकालने वाले सामान्य प्रशासन विभाग ने इस बार इस कार्यक्रम को लेकर कोई निर्देश ही जारी नहीं किए, जिसके चलते आयोजन नहीं हो सका. यह और बात है कि मंत्रालय में कई स्थान पर हर माह की पहली तारीख को इसमें सभी कर्मचारियों की उपस्थिति के बोर्ड लगे हुए हैं. 

ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में होगा अध्यात्म विभाग का गठन, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

आज न तो पुलिस का बैंड राष्ट्रीय धुन बजाने यहां पहुंचा और न ही वंदेमातरम् गायन समूह के सदस्य. कुछ अधिकारी-कर्मचारी जरूर हर माह की तरह सुबह मंत्रालय के सामने स्थित वल्लभभाई पटेल पार्क में इस आयोजन में भागीदारी के लिए पहुंचे तो उन्हें बैरंग लौटना पड़ा. 

मंत्रालय सूत्रों के अनुसार नई सरकार ने इस आयोजन को लेकर कोई निर्देश नहीं दिए तो सामान्य प्रशासन विभाग ने भी इससे किनारा कर लिया और एक जनवरी को होने वाले समूह गायन को लेकर न तो कर्मचारियों की उपस्थिति के आदेश जारी किए और न ही पुलिस बैंड के लिए पत्र लिखा. यह आयोजन क्यों नहीं हुआ और अगले माह होगा या नहीं, इस बारे में जीएडी के अफसर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि बाबूलाल गौर के मुख्यमंत्रित्वकाल में जून 2005 से शुरू हुई इस परंपरा को अब किया जाएगा या नहीं.

ये भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने लगाई खर्चों पर रोक, सरकार नहीं खरीदेगी नए वाहन

मुख्यमंत्री, मंत्री और सीएस होते रहे हैं शामिल 
वंदेमातरम् के गायन में कई बार मुख्यमंत्री भी शामिल होते थे तो हर बार कोई न कोई मंत्री इस आयोजन में आते रहे हैं. मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव सहित आला अधिकारी भी वंदेमातरम् गायन में भागीदारी करते रहे हैं. एक दिसंबर को पिछली बार हुए आयोजन में अपर मुख्य सचिव जीएडी प्रभांशु कमल की अगुवाई में वंदेमातरम् का सामूहिक गायन हुआ था. मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने इसमें पुलिस बैंड को भी शामिल कराया था.

fallback

मंत्रालय का सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क जहां हर महीने की पहली तारीख को 2005 से वंदे मातरम होते आया है. मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव एस आर मोहंती ने कहा कि आज क्यों नहीं हुआ मेरी जानकारी में नहीं है, पता करता हूं.

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा वंदेमातरम का गायन होना चाहिए. आज नया वर्ष है मुख्य सचिव ने पदभार ग्रहण किया है, इसलिए हो सकता है नहीं हुआ. विधि एवं विधाई कार्य मंत्री पी सी शर्मा ने कहा मुझे जानकारी नहीं है पता करता हूं क्यों नहीं हुआ. मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक आज वंदे मातरम नहीं हुआ, हर माह की पहली तारीख को होता है. चीफ सेकेट्री ने कहा, 'मुझे जानकारी नही है.. दिखवाता हूं.'

ये भी देखे

Trending news