सरकार के दावों की खुली पोल, गांव में नहीं है बिजली, फिर भी थमाया बिजली का बिल
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सरकार के दावों की खुली पोल, गांव में नहीं है बिजली, फिर भी थमाया बिजली का बिल

पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार (28 अप्रैल) को ट्वीट कर देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचने का दावा किया था.

पीएम ने कहा था कि भारत की विकास यात्रा में 28 अप्रैल 2018 एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा.

विदिशा/भिंड: पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार (28 अप्रैल) को ट्वीट कर देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचने का दावा किया था. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा था कि मणिपुर के सीमांत गांव लेइसांग समेत देश तमाम गांवों में बिजली पहुंच चुकी है. भारत की विकास यात्रा में 28 अप्रैल 2018 एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाएगा. यहां हम आपको पीएम मोदी के इस ट्वीट के बारे में इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि हम आपको मध्य प्रदेश के दो ऐसे गांवों की खबर बताने जा रहे हैं. जिनमें से एक गांव में बिना बिजली के ही लोगों को बिजली के बिल थमा दिए गए. वहीं दूसरे गांव में बिजली ही नहीं है.

  1. बड़ीबीर गांव में लोगों ने आजतक बिजली नहीं देखी

    विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने लिया है गोद

    एमपी सरकार में मंत्री लाल सिंह आर्य के क्षेत्र में ही नही है बिजली

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विदिशा से 70 किलोमीटर दूर त्योंदा पंचायत का बड़ीबीर गांव में लोगों ने आजादी के बाद से आजतक बिजली नहीं देखी है. इस गांव में करीब 80 आदिवासी परिवार रहते हैं. वहीं बिजली विभाग ने यहां के हर परिवार को बिजली का बिल थमा दिया है. ग्रामीण बारेलाल बताते हैं कि हम लोग तीस सालों से यहां रह रहे हैं. आजतक बिजली के दर्शन नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि गांव में बिजली की उम्मीद में हमारे बाल सफेद हो गए, बिजली तो नहीं आई, लेकिन बिजली का बिल जरूर आ गया. उन्होंने कहा कि लग रहा है कि बिजली विभाग सूरज से मिलने वाले उजाले का बिल वसूल रहा है. गौरतलब है कि यह गांव त्योंदा पंचायत में आता है. इस त्योंदा गांव को सांसद आदर्श गांव के तहत विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने गोद लिया हुआ है.

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ग्रामीण सीताराम का कहना है कि बिजली की मांग को लेकर कलेक्टर से लेकर जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि नेता केवल चुनाव के समय ही आते हैं. वहीं इस मामले पर एडीएम जेपी वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. इसकी जांच कराई जाएगी. जहां बिजली नही है, वहां बिजली के बिल देना गलत है. बिजली विभाग को कार्रवाई के लिए आदेशित किया जाएगा.

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वहीं, भिंड जिले के गोहद गांव की सच्चाई भी पीएम मोदी के इस दावे को ठेंगा दिखा रही है. यहां गांव के लोग आजादी के सत्तर साल बाद भी बिजली के लिए तरस रहे है. आपको बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री लाल सिंह आर्य के विधानसभा क्षेत्र के सीमांत इलाके भयपुरा, चिलमनपुरा, कल्यानपुरा, डिरमन, पाली, बरौऔ, छंरेटा समेत आधा दर्जन गांवों में बिजली के खंभे तक नहीं लगे हैं. लोगों को अनाज पिसवाने के लिए पच्चीस किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता है. यहां के ग्रामीणों के घरों में फ्रिज, कूलर और अन्य बिजली के उपकरण नही हैं. वहीं जिन घरों में शादी-विवाह में लोगों ने फ्रिज आदि दिया भी है, तो उनका प्रयोग कपड़े रखने के लिए किया जा रहा है. बिजली न होने के कारण लोग यहां के युवकों की शादी भी नहीं हो पाती है. लोग यहां बेटी देने से कतराते हैं.

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ग्रामीण भगीरथ ने कहा कि यहां के लोग बहुत आक्रोशित हैं. आने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव तक बिजली नहीं पहुंची, तो सभी लोग वोटिंग का बहिष्कार करेंगे. डरमन गांव के सरपंच श्रीकृष्ण शर्मा ने कहा कि उनके इलाके के विधायक मंत्री हैं और इसके बावजूद गांव का ये हाल है. वहीं इस मामले पर बिजली अधिकारियों से बात की, तो उन्होंने कहा कि हर गांव में जल्द ही बिजली पहुंचेगी. पीएम मोदी के सपने को पूरा करने के प्रयास किए जा रहे है.

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