MP: 'कड़कनाथ' के बाद 'बासमती चावल' को पेटेंट कराएगी शिवराज सरकार
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MP: 'कड़कनाथ' के बाद 'बासमती चावल' को पेटेंट कराएगी शिवराज सरकार

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार कड़कनाथ मुर्गे का जीआई टैग मिलने के बाद अब बासमती चावल को भी पेटेंट कराने में जुट गई है.

शिवराज ने कहा कि राज्य सरकार बासमती चावल का पेटेंट प्राप्त करने का पुरजोर प्रयास कर रही है.(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली/इंदौर: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार कड़कनाथ मुर्गे का जीआई टैग मिलने के बाद अब बासमती चावल को भी पेटेंट कराने में जुट गई है. देश के कई राज्यों द्वारा बासमती चावल को पेटेंट कराने के लिए चल रहे प्रयासों के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने बासमती चावल को पेटेंट कराने के पुरजोर प्रयास करने का वादा किया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 27 मई (रविवार) को मध्य प्रदेश श्रेष्ठ कृषि क्रांति कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए यह वादा किया था. शिवराज ने कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार बासमती चावल का पेटेंट प्राप्त करने का पुरजोर प्रयास कर रही है. इसके लिए अन्य राज्यों के दावों को हम चुनौती भी दे रहे हैं. 

सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश में बटाई पद्धति को कानूनी बना दिया गया है, जिससे भू-स्वामियों और खेती करने वाले के हितों का संरक्षण होगा. प्रदेश में कृषि और उद्यानिकी के क्षेत्र में हो रहे बंपर उत्पादन को ध्यान में रखकर कृषि उत्पाद को निर्यात करने की दिशा में भी राज्य सरकार प्रयास कर रही है. सीएम चौहान ने भावांतर भुगतान योजना को क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि लहसुन, चना और मसूर का भी समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिया गया है. सरकार यह कदम किसानों को उनकी मेहनत और पसीने का वाजिब दाम दिलवाने के लिए कर रही है. शिवराज ने बताया कि उद्यानिकी क्षेत्र में हुई क्रांति को ध्यान में रखकर राज्य सरकार किसानों को खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इस योजना में 10 करोड़ तक की लागत के खाद्य प्रसंस्करण इकाई को मेगा प्रोजेक्ट मानकर किसानों को विभिन्न प्रकार के लाभ दिए जाएंगे.

(इनपुट IANS से)

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