व्यापम घोटाला: बढ़ते दबाव के बीच शिवराज ने की CBI जांच की सिफारिश
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व्यापम घोटाला: बढ़ते दबाव के बीच शिवराज ने की CBI जांच की सिफारिश

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन आक्रोश और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच बहुचर्चित व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने संबंधी अनुरोध उच्च न्यायालय से करने की घोषणा से कुछ घंटे बाद ही राज्य सरकार ने मंगलवार को तत्संबंधी अनुरोध पत्र जबलपुर में उच्च न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया।

व्यापम घोटाला: बढ़ते दबाव के बीच शिवराज ने की CBI जांच की सिफारिश

भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन आक्रोश और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच बहुचर्चित व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने संबंधी अनुरोध उच्च न्यायालय से करने की घोषणा से कुछ घंटे बाद ही राज्य सरकार ने मंगलवार को तत्संबंधी अनुरोध पत्र जबलपुर में उच्च न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया।

राज्य शासन के अतिरिक्त महाधिवक्ता पी कौरव ने कहा, ‘हां, हमने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अजय मानिकराव खानविलकर की अदालत में व्यापम मामले की जांच सीबीआई को सौंपने संबंधी अनुरोध पत्र आज दाखिल कर दिया है और उच्च न्यायालय संभवत: कल इस पर दलील सुनेगा’।

उन्होने कहा कि अनुरोध पत्र में कहा गया है कि व्यापम को लेकर घट रही दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की वजह से राज्य सरकार इसकी जांच सीबीआई से कराना चाहती है।

इस पत्र में यह भी कहा गया है कि घोटाले की जांच कर रहे विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के अनुसंधान की निगरानी के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश पर सेवानिवृत न्यायाधीश चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) कुशलतापूर्वक जांच कर रहा है। लेकिन हाल में घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं और कुछ वर्गों से आई मांग तथा इससे उत्पन्न कुहासे को दूर करने के लिए राज्य सरकार प्रकरण की सीबीआई जांच के पक्ष में है।

इससे पहले आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे चौहान ने इस घोटाले में अपनी संलिप्तता संबंधी कांग्रेस के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए इसे ‘बेबुनियाद’ बताया। उन्होंने कहा ‘‘जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए मैं उच्च न्यायालय से इस मामले की सीबीआई जांच कराने का आदेश देने का आग्रह करूंगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र जनता की स्वीकार्यता पर चलता है। ‘सरकार का कामकाज किसी भी संदेह से परे होना चाहिए।’’ करोड़ों रूपये के व्यापमं घोटाले में कई हाई प्रोफाइल पेशेवर, राजनेता और नौकरशाह आरोपी हैं । इस घोटाले में मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल कथित तौर पर संलिप्त है जो अध्यापकों, मेडिकल अधिकारियों , कांस्टेबलों और वन रक्षकों जैसे विभिन्न पदों के लिए परीक्षाओं का आयोजन करता है ।

हाल ही में हुई मौतों और व्यापक जांच के लिए जनाक्रोश का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा कि पत्रकार की मौत सहित कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम हुए हैं और लोगों को सच जानने का हक है। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच का आदेश देने का अधिकार उनके पास नहीं है। लेकिन मामले के घटनाक्रम को देखते हुए समुचित जवाब जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘मैं पूरी रात मामले के बारे में सोचता रहा। जो सवाल उठे उनका जवाब जरूरी है। अब यह जरूरी हो गया है कि सीबीआई मामले की जांच करे।’’ क्या मुख्यमंत्री अप्राकृतिक मौतों की भी सीबीआई जांच कराना चाहते हैं। इस पर उनका जवाब था कि एजेंसी को मामले के सभी पहलुओं की जांच करनी चाहिए।

कांग्रेस ने इस घोटाले में चौहान की संलिप्तता का आरोप लगाया है। इस बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले में विपक्षी दल द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप अब तक गलत साबित होते रहे हैं। बहरहाल, चौहान राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के इस बयान पर कोई भी टिप्पणी करने से बचते रहे जिसमें उमा ने कहा था कि मौतों को लेकर अब उन्हें भी ‘डर’ लग रहा है। चौहान ने कहा ‘वह मेरी बहन की तरह हैं और बहुत सम्माननीय नेता हैं। मैं उन्हें बहुत सम्मान देता हूं। मैंने उनके खिलाफ तब भी कोई टिप्पणी नहीं की जब वे भाजपा में नहीं थीं।’

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