CM शिवराज ने कुछ इस अंदाज में दी संतों को 'गुरुदक्षिणा', कंप्यूटर बाबा का नाम भी शामिल
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CM शिवराज ने कुछ इस अंदाज में दी संतों को 'गुरुदक्षिणा', कंप्यूटर बाबा का नाम भी शामिल

 इस लिस्ट में शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कंप्यूटर बाबा का नाम भी शामिल है.

मध्यप्रदेश राज्य के गठन के बाद यह पहला मौका है जब साधुओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है. (फोटो साभार : ANI)

भोपाल : मध्यप्रदेश में पिछले दिनों ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने वाले पांच सांधुओं को शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. माना जा रहा है कि प्रदेश की सत्तासीन शिवराज सिंह चौहान सरकार ने यह फैसला साधु और संतों को लुभाने के लिए लिया है. सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव के. के. कतिया ने कहा कि मंगलवार (3 अप्रैल) को सीएम ने 5 खास सांधु-संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है. इस लिस्ट में शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कंप्यूटर बाबा का नाम भी शामिल है.

  1. वृक्षारोपण, जल संरक्षण, स्वच्छता पर बनाई गई समिति
  2. जन-जागरूकता अभियान चलाई यह समिति
  3. पहली बार साधुओं को मिला राज्यमंत्री का दर्जा

नर्मदा जागरूकता अभियान के लिए विशेष समिति
इसके साथ ही मंगलवार को राज्य सरकार ने नर्मदा नदी के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है. यह समिति नर्मदा नदी के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाएगी. राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक 31 मार्च को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषत: नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता का अभियान के लिए विशेष समिति का गठन किया गया है. आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने इस समिति के 5 विशेष सदस्यों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. राज्य सरकार ने कहा कि इन साधुओं का सामजिक योगदान ज्यादा है.

कंप्यूटर बाबा ने कहा शुक्रिया
मध्यप्रदेश सरकार के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कंप्यूटर बाबा ने सभी साधुओं की ओर से सीएम शिवराज सिंह चौहान को शुक्रिया कहा है. न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वह सरकार के इस फैसले से खुश हैं और अपने काम को ऐसे ही करते जाएंगे. 

 

 

"नर्मदा घोटाला रथ यात्रा" रद्द
चुनावी साल में जिन पांच लोगों को नर्मदा नदी की रक्षा के लिये राज्यमंत्री के दर्जे से नवाजा गया है, उनमें शामिल एक संत समेत दो लोगों ने सूबे की बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रस्तावित ‘‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’’ रद्द कर दी है. इन लोगों ने राज्य सरकार पर सीधे सवाल उठाते हुए एक अप्रैल से "नर्मदा घोटाला रथ यात्रा" निकालने की घोषणा की थी, लेकिन राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद दोनों ने यह यात्रा रद्द कर दी गई. 

 

इन साधुओं को मिला है राज्यमंत्री का दर्जा
रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य सरकार ने जिन साधुओं को राज्यमंत्रियों का दर्जा दिया है, उनमें नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, कम्प्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पंडित योगेंद्र महंत का नाम है. इन साधुओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है. 

कांग्रेस ने बनाया शिवराज को निशाना
सीएम शिवराज के इस कदम के बाद विपक्ष ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने शिवराज के फैसले पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसे ढोंग करके शिवराज सिंह चौहान अपने पापों को धोने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनावी साल में साधु-संतों को लुभाने की कोशिश नाकाम होने वाली है. 

पहली बार साधुओं को मिला राज्यमंत्री का दर्जा
मध्यप्रदेश राज्य के गठन होने के बाद शायद यह पहला मौका है जब साधुओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है. हालांकि अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह पांच राज्यमंत्री अपना कार्यभार संभालेंगे कैसे और किस प्रक्रिया के तहत विधानसभा में बैठेंगे.

कौन है कंप्यूटर बाबा
बता दें कि कंप्यूटर बाबा के नाम के प्रख्यात इनका नाम देव दास त्यागी है. देव दास त्यागी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. कंप्यूटर बाबा सोशल मीडिया के जरिए अक्सर शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोलते रहते हैं. पिछले साल जब मध्यप्रदेश दौरे पर अमित शाह ने साधुओं को भोज पर आमंत्रित किया था, तब कंप्यूटर बाबा को निमंत्रण नहीं दिया गया था. इसके बाद से ही कंप्यूटर बाबा ने सरकार के खिलाफ अभियान चलाने की घोषणा कर दी थी. बता दें कि कंप्यूटर बाबा पहले दिल्ली के सीएम और आप के संजोयक अरविंद केजरीवाल से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांगा था.

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