अनाथ बच्चों के साथ रक्षाबंधन मनाएंगे सीएम शिवराज, 250 बच्चे बांधेंगे रक्षा सूत्र
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अनाथ बच्चों के साथ रक्षाबंधन मनाएंगे सीएम शिवराज, 250 बच्चे बांधेंगे रक्षा सूत्र

मध्‍य प्रदेश में कोव‍िड के कारण अनाथ हुए बच्‍चों से सीएम श‍िवराज स‍िंंह आज संवाद करने वाले हैं.  मुख्यमंत्री 'कोविड-19 बाल सेवा योजना' के तहत हितग्राही बच्चों से सीधा संवाद करेंगे. ये कार्यक्रम मुख्यमंत्री  निवास पर होगा. इसमें करीब 250 बच्चों द्वारा मुख्यमंत्री को रक्षा सूत्र बांधे जायेंगें.

सीएम श‍िवराज स‍िंह चौहान.

प्रमोद  शर्मा/भोपाल: मुख्यमंत्री 'कोविड-19 बाल सेवा योजना' के तहत हितग्राही बच्चों से सीधा संवाद करेंगे. ये कार्यक्रम मुख्यमंत्री  निवास पर होगा. मुख्यमंत्री निवास पर सुबह 11 बजे होने वाले इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 250 बच्चे शामिल होंगे.बच्चों द्वारा मुख्यमंत्री को रक्षा सूत्र बांधे जायेंगें और विभिन्न प्रस्तुति भी दी जाएगी. मुख्यमंत्री बच्चों को उपहार वितरित भी करेंगे. जो बच्चे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पायेंगें, उनसे मुख्यमंत्री वीसी के माध्यम से संवाद करेंगे.

कोव‍िड के कारण हुए अनाथ बच्‍चों को म‍िल रही सहायता 
प्रदेश में कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों की सहायता के लिये शुरू की गई मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना के 1399 हितग्राहियों को प्रति माह 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता, निःशुल्क खाद्यान्न वितरण और शिक्षा सम्बन्धी सहायता प्रदान की जा रही है. प्रदेश में ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु कोविड के दौरान हुई है और परिवार विषम आर्थिक परिस्थिति में है, को स्पॉन्सरशिप तथा फोस्टर केयर योजना में 2 हजार रुपये प्रतिमाह प्रति बच्चे के मान से लाभ दिया जा रहा है. 

अनाथ बच्‍चों की म‍िल रही है स्पॉन्सरशिप
प्रदेश में शासकीय स्पॉन्सरशिप तथा फोस्टर केयर अंतर्गत 2040 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है. शासकीय स्पॉन्सरशिप के अतिरिक्त निजी स्पॉन्सरशिप में औद्योगिक इकाइयों, समाजसेवी संगठनों, व्यापारियों और गणमान्य नागरिकों द्वारा 5647 बच्चों को स्पांसर किया गया है, जो देश में अपनी तरह की अभिनव पहल है.

अनाथ बच्‍चों के ल‍िए शुरू हो रही है नई योजना 
प्रदेश में ऐसे बच्चे जो किसी भी कारण से अनाथ हो गए हैं और अपने सम्बन्धियों या संरक्षकों के साथ जीवन-यापन कर रहे हैं. ऐसे बच्‍चों को सहायता प्रदान करने तथा बाल देख-रेख संस्थाओं को छोड़ने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग देकर समाज में पुनर्स्थापित करने हेतु नवीन 'मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना' भी प्रारम्भ की जा रही है, जिसमें न केवल समुदाय के अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता, बाल देख-रेख संस्थाओं से निर्मुक्त होने वाले 18 वर्ष से अधिक के बच्चों को आफ्टर केयर अंतर्गत व्यावसायिक प्रशिक्षण, इंटर्नशिप एवं कोचिंग में सहायता के लिये 5 हजार रुपये प्रतिमाह की सहायता भी दी जाएगी.

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