रीवा में BJP MLA का CM के सामने छलका दर्द; मैहर विधायक ने केंद्र को लिख डाला पत्र
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रीवा में BJP MLA का CM के सामने छलका दर्द; मैहर विधायक ने केंद्र को लिख डाला पत्र

मध्य प्रदेश में विंध्य क्षेत्र के दो विधायकों की पार्टी और सरकार से शिकायत सामने आई है. एक ने तो मंच से सीएम को अपना दर्द सुना दिया, लेकिन एक विधायक ने सत्ता और संगठन में बदलाव की मांग ही कर डाली. जानें कौन हैं दोनों विधायक और क्या है मामला?

रीवा में BJP MLA का CM के सामने छलका दर्द; मैहर विधायक ने केंद्र को लिख डाला पत्र

रीवा/सतना: मध्य प्रदेश में बीते रोज टनल के लोकार्पण किया गया, इस कार्यक्रम में भाजपा विधायक का दर्ज छलक उठा और उन्होंने मंच से केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री से अपनी बात रखी. वहीं दूसरी ओर बागी शुरों वाले मैहर विधायक ने प्रदेश में सरकार वापसी के लिए बड़ा नायाब तरीका सुझा डाला. इसके लिए उन्होंने पीर्टी के केंद्रीय नेतृत्व को पत्र भी लिखा.

केंद्रीय मंत्री और सीएम के सामने क्या बोले विधायक
टनल के लोकार्पण कार्यक्रम में गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह का दर्द छलक पड़ा. नागेंद्र सिंह ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारे गुढ़ में देश का सबसे बड़ा सोलर प्लांट स्थापित है. अब विंध्य को मध्य प्रदेश के सबसे लंबी सड़क सुरंग की सौगात मिल गई. लेकिन, हमें यह कहते हुए बड़ा दुख महसूस हो रहा है कि सोलर प्लांट में स्थानीय उस मात्रा में नहीं मिल रहा जैसा मिलना चाहिए.

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बता दें टनल के लोकार्पण कार्यक्रम में जिले के आठों विधायक समेत रीवा, सतना और सीधी के सांसदों के अलावा मध्यप्रदेश केबिनेट के मंत्री बिसाहुलाल और लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव भी उपस्थित रहे.

मैहर विधायक ने की सत्ता, संगठन में बदलाव की मांग
दूसरी ओर सतना जिले के मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने गुजरात की तर्ज पर एमपी मे भी सत्ता एवं संगठन में परिवर्तन की माग कर डाली. उन्होंने इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है. नारायण त्रिपाठी ने कहा कि गुजरात की तर्ज सत्ता और संगठन में परिवर्तन किया जाए. इससे प्रदेश भाजपा में नए युग की शुरुआत है और जनता के बीच एंटी इनकंबेंसी समाप्त होगी. जिससे पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी.

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बता दें इससे पहले भी कई मौकों पर नारायण त्रिपाठी मुखर रहे हैं. वो सत्ता बदलाव के समय पार्टी से बागावती तेवर में भी नजर आए थे. उसके साथ ब्यौहारी विधायक शरद कोल भी थे. हालांकि बाद में दोनों विधायकों के सिकवे दूर हो गए थे. उसके बाद भी समय-समय पर विंध्य प्रदेश और तामाम मागों को लेकर नारायण त्रिपाठी मुखर नजर आते रहे हैं.

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