मध्यप्रदेश में बंद नहीं होगी शराब, शिवराज सरकार का बयान
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मध्यप्रदेश में बंद नहीं होगी शराब, शिवराज सरकार का बयान

राज्य में काफी सालों से आम लोग उम्मीद लगाए हुए थे कि प्रदेश में भी बिहार की तरह शराबबंदी लागू होगी मगर वित्तमंत्री मलैया के बयान ने शराबबंदी के पक्षधरों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया. (Jayant Malaiya/Twitter/Jan 27, 2018)

भोपाल: मध्य प्रदेश में शराबबंदी नहीं होगी, यह बात राज्य के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कही. मलैया ने बुधवार (14 फरवरी) को कहा कि राज्य सरकार ने यह कभी नहीं कहा कि प्रदेश में शराबबंदी होगी. सरकार शराब के दुष्प्रभावों से आमजन को अवगत कराने के लिए जागरुकता अभियान चलाएगी ताकि लोग इसका उपयोग कम करें और इससे बचें. राज्य में काफी सालों से आम लोग उम्मीद लगाए हुए थे कि प्रदेश में भी बिहार की तरह शराबबंदी लागू होगी मगर वित्तमंत्री मलैया के बयान ने शराबबंदी के पक्षधरों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा के दौरान नर्मदा नदी के किनारे से शराब की दुकानों हटाने का ऐलान किया था. 

  1. शराब के दुष्प्रभावों से आमजन को अवगत कराने के लिए जागरुकता अभियान चलाएगी सरकार,
  2. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शराब की दुकानों हटाने का ऐलान किया था. 
  3. मलैया के बयान ने शराबबंदी के पक्षधरों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

MP उपचुनाव: शराब व नोट बांटने वालों को वोट नहीं देंगे आदिवासी

आम मान्यता है कि शराब और नोट के बल पर गरीबों और आदिवासियों का वोट खरीदा जा सकता है, मगर मध्यप्रदेश के शिवपुरी के कोलारस विधानसभा क्षेत्र के आदिवासियों ने फैसला कर लिया है कि जिस दल का उम्मीदवार या उसके समर्थक शराब व नोट बांटेंगे, वे (आदिवासी) उसके समर्थन में मतदान नहीं करेंगे, वहीं शराब या रकम लेने वाले पर जुर्माना लगाएंगे. कोलारस विधानसभा क्षेत्र के मानपुर गांव में 10 फरवरी को 20 से ज्यादा गांव के प्रमुखों की पंचायत लगी थी. इस पंचायत में पहुंचे सहरिया आदिवासियों ने सर्व सम्मति से फैसला लिया है कि वे ऐसे व्यक्ति या दल को वोट देंगे जो उनकी जरूरतों को पूरा करेगा.

गांव में है शराबबंदी
सेमरी गांव के लक्ष्मण सहरिया ने मीडिया को बताया, "मेरे गांव सहित आसपास के कई गांवों में पूरी तरह शराबबंदी है. यहां ताश भी कोई नहीं खेल पाता है. जो ऐसा करता है, उस पर समाज कार्रवाई करता है. यही कारण है कि बीते पांच माह में गांव में पूरी तरह शराबबंदी हो चुकी है." (विस्तृत खबर के लिए क्लिक करें)

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