Happy Hanuman Jayanti: 23 अप्रैल 2024 को कलयुग के देवता बजरंगबली के जन्मोत्सव है. आइये इससे पहले जानते हैं मध्य प्रदेश के कुछ चमत्कारी मंदिरों के बारे में जहां आप हनुमान जयंती पर जाकर दर्शन कर सकते हैं.
सनातन में बजरंगबली के मंदिर हर गांव में मिल जाते हैं. मध्य प्रदेश में भी हनुमान जी के कुछ मंदिर है जो अद्भुत और चमत्कारी हैं. आइये प्रकटोत्सव से पहले जानते हैं इन मंदिरों के बारे में जिससे आप अपने नजदीकी मंदिर में जाकर दर्शन कर सकते हैं.
छिंदवाड़ा के जामसांवली में हनुमान जी का चमत्कारी मंदिर है. यहां राम भक्त हनुमान की 15 फीट की मूर्ति निद्रा अवस्था में विराजित है. कहा जाता है कि जहां हनुमानजी की प्रतिमा है वहां खजाना छुपा है. उसी खजाने की रक्षा करने के लिए हनुमान विराजमान थी हैं. मान्यता के अनुसार पहले हनुमान जी खड़े थे. लेकिन, जब एक बार चोर आए तो वो लेट गए. तब से लेकर अब तक पीपल के नीचे वो विश्राम अवस्था में विराजमान हैं.
जामसांवली की खास बात ये भी है कि यहां हनुमानजी की मूर्ति की नाभि से जलधारा निकलती है. पानी के स्त्रोत के बारे में किसी को नहीं पता. मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इस जलधारा को प्रसाद के रूप में पाते हैं. लोगों की माने तो इस जल को पीने से चर्मरोगों से मुक्ति मिलती है. मंदिर का इतिहास 100 साल से भी पुराना है.
कटनी से 35 किमी दूर मोहास गांव में हनुमानजी का मंदिर है. ये हड्डी जोड़ने वाले हनुमान के नाम से जाना जता है. दावा किया जाता है कि यहां मरीज टूटी हड्डी लेकर आते हैं और स्वस्थ होकर घर जाते हैं. मंदिर में हर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर के साधु हड्डी टूटने से पीड़ितों को एक जड़ी खिलाते हैं. भक्तों को ये जड़ी नि:शुल्क होती है.
शाजापुर के बोलाई गांव में सिद्धवीर खेड़ापति हनुमानजी का मंदिर है. करीब 600 साल पुराना मंदिर अपने चमत्कारी किस्सों के लिए माना जाता है. ये मंदिर रतलाम-भोपाल रेलवे ट्रेक के बीच बोलाई स्टेशन के पास है. यहां हनुमानजी भगवान गणेश के साथ एक ही प्रतिमा में विराजित है. इस कारण यहां बुधवार को भी भक्त आते हैं.
कहा जाता है सिद्धवीर खेड़ापति भविष्य बताते हैं. यहां आने वाले लोगों को अपने साथ होने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी लग जाती है. कई साल पहले दो मालगाड़ियों में टक्कर हो गई थी. हादसे का पायलट को पूर्वाभास हो गया था. उस हादसे के बाद यहां से गुजरने वाली हर ट्रेन धीमी हो जाती थी. ये मंदिर को बेहद सिद्ध और चमत्कारी माना जाता है.
इंदौर से 30 किमी दूर सांवेर में हनुमानजी की विलक्षण प्रतिमा है. यहां की उल्टी प्रतिमा दुनिया भर में फेमस है. दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन के लिए लोग देशभर से पहुंचते हैं.
त्रेतायुग में राम-रावण के युद्ध के दौरान अहिरावण ने रूप बदलकर रामजी की सेना में प्रवेश कर लिया था तब सभी लोग सो रहे थे. अहिरावण ने राम और लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया फिर पाताल ले गया. तब हनुमान जी पाताल गए थे. कहा जाता है पाताल लोक में प्रवेश करने वाला स्थान सावेर ही है. इसलिए यहां उनके पैर ऊपर और सिर धरती की ओर है.
रायसेन के बरेली के पास छींद में प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है. करीब 200 साल पुराने मंदिर में हनुमानजी पीपल के पेड़ के नीचे विराजमान हैं. मंदिर में हनुमानजी दक्षिण मुखी हैं. यहां बजरंगबली को रोगों से बचाने वाले हनुमान भी कहा जाता है. मंदिर की प्रसिद्धि से प्रदेशभर से श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचते हैं.
मंदिर में स्थापित प्रतिमा को स्वयंभू बताया जाता है. दावा है कि गांव के एक किसान को खेत में हनुमानजी की प्रतिमा मिली थी. उसके बाद छोटी सी मढ़िया बनवाकर उसे वहीं स्थापित कर दिया गया. आज मंदिर ने विशाल रूप ले लिया है.
जबलपुर के ग्वारीघाट में रामलला मंदिर है. यहां अर्जी वाले हनुमान मंदिर विराजित हैं. इनके दर्शन केवल साल में एक दिन हनुमान जन्मोत्सव को करने मिलते हैं. प्रतिमा में हनुमानजी का बालरुप विद्यमान है. कहा जाता है यहां जो भक्त सच्चे मन से अर्जी लगाता है उसकी मुराद पूरी होती है. विदेशों से भी हनुमान भक्त यगां अर्जी लगाने आते हैं. यहां भक्तों की मनोकामनाओं को एक रजिस्टर में लिखा जाता है. हालांकि, अब ऑनलाइन अर्जी भी लगाई जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार हनुमान जयंती की शुरुआत 23 अप्रैल मंगलवार को सुबह 3 बजकर 25 मिनट पर होगी. इसके बाद समापन 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर होगा. यानी जयंती 23 अप्रैल को ही मनाई जाएगी.
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