CG News: 6 महीने से जेल में बंद IAS रानू साहू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, कोर्ट में बहस हुई पूरी
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CG News: 6 महीने से जेल में बंद IAS रानू साहू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, कोर्ट में बहस हुई पूरी

Bilaspur News: कोल घोटाले केस में 6 महीने से जेल में बंद छत्तीसगढ़ की निलंबित IAS रानू साहू की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है. सोमवार को कोर्ट में बहस पूरी होने के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया है.

CG News: 6 महीने से जेल में बंद IAS रानू साहू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, कोर्ट में बहस हुई पूरी

Bilaspur News: छत्तीसगढ़ की निलंबित IAS रानू साहू की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट में इस मामले में बहस पूरी हो गई है. दोनों पक्षो की दलीले सुनने के बाद कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई. मामले की सुनवाई जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच में हुई है.रानू साहू कोल घोटालें में करीब 6 महीने से जेल में बंद है. लोअर कार्ट ने IAS रानू की जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी थी. जानें कौन हैं रानू साहू और क्या है पूरा मामला-

कोल स्कैम और आरोपी
छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के बाद 540 करोड़ के अवैध कोल स्कैम का खुलासा किया था. इसमें आरोप है कि कोल परिवहन में प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूला गया था. इसमें  IAS रानू साहू, IAS समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और जेडी माइनिंग एसएस नाग की गिरफ्तारी हुई थी. ED नें इस कोयला स्कैम में IAS रानू साहू,  निखिल चंद्रकार, पूर्व विधायक चंद्रदेव राय,  विधायक देवेंद्र यादव,  कांग्रेस नेता आरपी सिंह, विनोद तिवारी, रोशन सिंह, पीयूष साहू, नारायण साहू, मनीष उपाध्याय को आरोपी बनाया है. जिसमें से IAS रानू साहू और निखिल चंद्राकर पहले से ही जेल में बंद हैं.

ईडी ने कई लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ की है. ईडी ने कोर्ट में ये दावा किया था कि कथित कोल घोटाले में आरोपियों के घरों से कुछ दस्तावेज मिले हैं.

रानू साहू के वकील
रानू साहू के वकील ने इनकी गिरफ्तारी के संबंध में बताया कि इनपर लगी सभी धाराओं में कोई सबूत नहीं मिला है. ईडी ने बताया कोर्ट में बताया था कि उनके पास सबूत है पर वो सबूत पेश नहीं कर पाया है.

लोअर कोर्ट में पहले ही इनकी जमानत याचिका खारिज हो गई थी. जिसके बाद वो हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट में जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच में सुनवाई पूरी कर फैसला को रिजर्व रखा है. 

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