मध्य प्रदेश में चुनाव नतीजे घोषित करने में क्यों हुई देरी, आयोग ने गिनाए कारण
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मध्य प्रदेश में चुनाव नतीजे घोषित करने में क्यों हुई देरी, आयोग ने गिनाए कारण

मतगणना में हुई देरी को लेकर चुनाव आयोग ने उन कारणों के बारे में बताया है जिसके चलते मध्य प्रदेश में नतीजे घोषित करने में इतना समय लग गया.

फाइल फोटो

भोपालः मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद नतीजे घोषित करने में चुनाव आयोग को 16 घंटे से भी अधिक समय लग गया, जिसे लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में मतगणना में हुई देरी को लेकर चुनाव आयोग ने उन कारणों के बारे में बताया है जिसके चलते मध्य प्रदेश में नतीजे घोषित करने में इतना समय लग गया. चुनाव आयोग के मुताबिक इन सबमें ईवीएम सबसे अहम मुद्दा रहा है, जिसके चलते नतीजे घोषित करने में आयोग को 16 घंटे से अधिक का समय लग गया. आयोग के मुताबिक उनके पास इन समस्याओं का कोई समाधान नहीं है, जिसके चलते हो सकता है कि लोकसभा चुनाव में भी नतीजों में देरी हो जाए. इसलिए आयोग ने सभी उम्मीद्वारों से अपील की है कि वह इस तरह की छोटी-छोटी आपत्तियों पर ध्यान न दें और आयोग का सहयोग करें. आयोग ने नतीजों में हुई देरी के जो कारण बताए हैं वह इस तरह हैं...

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EVM पर उठाए जा रहे सवाल
आयोग ने चुनाव नतीजों में हुई देरी का सबसे बड़ा कारण ईवीएम पर उम्मीद्वारों की आपत्तियों को बताया है. आयोग के मुताबिक ईवीएम मशीनों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं पाई गई है, लेकिन उम्मीद्वारों के बार-बार आपत्ति जाहिर करने पर गिनती प्रक्रिया पर काफी प्रभाव पड़ा, जिसके चलते नतीजों पर इसका काफी असर हुआ.

फोटोकॉपी
आयोग सूत्र ने बताया कि वोटिंग मशीन से रिजल्ट लेने के बाद इसे फॉर्म 17 सी पर लिखना होता है, जिसके बाद इस फॉर्म पर गणना ऑफिसर्स को इस पर हस्ताक्षर करना होता है. इसके बाद इस फॉर्म की फॉटो कॉपी भी ली जाती है ताकि किसी भी तरह की गलती सामने आने पर गणना ऑफिसर से पूछताछ की जा सके. इसके बाद काउंटिंग टेबल की सूची बनाई जाती है. इस प्रक्रिया का चुनाव आयोग ने सख्ती से पालन किया जिसकी वजह से देरी हो गई.

दौरेवार रिजल्ट
मतगणना के दौरान उम्मीद्वारों ने एक राउंड की गणना और इसे सूची बोर्ड पर लिखने और लाउड स्पीकर पर घोषणा करने के बाद ही दूसरे राउंड की गणना शुरू करने दिया. जिसके चलते हर बार गिनती में अतिरिक्त समय लगा. इस बीच मतों की गणना की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद हो जाती थी. जिसके चलते नतीजे घोषित करने में काफी समय लगा.

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सीआरसी
कुल 66 हजार में से 250 ईवीएम की पर्चियां दोबारा मिलान के लिए गईं. इन ईवीएम का रिजल्ट भी इन्हीं पर्चियों की गिनती के आधार पर ही लिया गया. हर सीट पर एक से दो मामले ऐसे जरूर थे जहां पर पर्चियों की गिनती दोबारा करनी पड़ी, जिसके चलते नतीजे घोषित करने में समय लगा.

मतगणना दौरों की संख्या
मध्य प्रदेश में इस बार मतदान के लिए 2013 की तुलना में 13 हजार अधिक पोलिंग बूथ बनाए गए थे. जिसके चलते मतगणना दौरों की संख्या भी बढ़ानी पड़ी. चुनाव नतीजे देरी से घोषित होने में यह भी एक अहम कारण था.

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