एक नए अध्ययन के मुताबिक, 44 फीसदी लोगों का मानना है कि देश में इलाज महंगा है
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नई दिल्ली: भारत में चिकित्सा पर होने वाला खर्च नागरिकों के लिए एक बड़ी चिंता बनकर उभरा है. एक नए अध्ययन के मुताबिक, 44 फीसदी लोगों का मानना है कि देश में इलाज महंगा है. स्वतंत्र बाजार अनुसंधान कंपनी इप्सोस द्वारा आयोजित अध्ययन में 35 फीसदी भारतीयों को लगता है कि चिकित्सा की गुणवत्ता खराब है.
जबकि 30 फीसदी लोग चिकित्सा संस्थानों में स्वच्छता के निम्न मानकों के लेकर निराश हैं. अध्ययन के लिए 16 से 64 वर्ष उम्र के 1000 भारतीयों पर अप्रैल से जून तक सर्वेक्षण किया गया था.
हालांकि भारतीयों के बीच आशा का दृष्टिकोण बरकरार है. 60 फीसदी को लगता है कि अगले 10 सालों में स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च कम होगा, जबकि 69 फीसदी का मानना है कि अगले दशक में चिकित्सा उपचार की गुणवत्ता में सुधार होगा.
इप्सोस हेल्थकेयर की प्रमुख मोनिका गंगवानी ने कहा, 'विश्व भर की सरकारों और स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं को सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं किफायती बनाया जाना चाहिए, क्योंकि यह शीर्ष तीन चिंताओं में से एक है. जीवनशैली में बदलाव इनमें से कुछ खतरनाक बीमारियों को रोक सकता है'.
(इनपुट-आईएएनएस)