अवैध निर्माण के खिलाफ किरोड़ी मीणा का सरिस्का कूच,हरियाणा की दर्ज पर प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग
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अवैध निर्माण के खिलाफ किरोड़ी मीणा का सरिस्का कूच,हरियाणा की दर्ज पर प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग

Alwar : डॉ किरोड़ी लाल मीणा आज सरिस्का में अवैध निर्माण के मुद्दे को लेकर पैदल मार्च करने वाले हैं. वही किरोड़ी ने राजस्थान सरकार को हरियाणा सरकार से सीखने की सलाह दी है.

 

अवैध निर्माण के खिलाफ किरोड़ी मीणा का सरिस्का कूच,हरियाणा की दर्ज पर प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग

Alwar : डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने फिर 13 साल बाद सरिस्का बचाओ आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है. यह आंदोलन आज यानि की 20 सिंतबर से थानागाजी से शुरू होगा. ये जानकारी सर्किट हाउस में मीडिया को दी गयी. किरोड़ी ने कहा कि सरिस्का अलवर की सबसे बड़ी पहचान है. जब वो दौसा से लोकसभा सदस्य थे. तब सरिस्का में काफी गड़बड़ झाले थे.

अलवर जिले का थानागाजी दौसा संसदीय क्षेत्र में आता है. उन्होंने बताया कि 20 अगस्त 2009 को सरिस्का बचाओ आंदोलन शुरू किया गया था. फिर 13 साल बाद वहीं नौबत आ गई है. किरोड़ी ने बताया कि  सुबह 10 बजे सभा, जिसमें 15000 लोगों के शामिल होंगे की उम्मीद है जिसके बाद 11 बजे सरिस्का के लिए किरोड़ी लाल मीणा पैदल कूच करेंगे. 

समर्थकों के साथ किरोड़ी, सरिस्का गेट से पांडुपोल रास्ते पर जाएंगे. ये पैदल कूच पूरी गांधीवादी तरीके से होगी जिसका मकसद सरकार का ध्यान आकर्षित करना होगा. किरोड़ी लाला मीणा ने आरोप लगाया कि सेंचुरी क्षेत्र में सरिस्का के अधिकारियों ने और सेवानिवृत्त अधिकारियों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं.

सरिस्का में होटल बनने से उसका स्वरुप बिगड़ रहा है. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि कुछ होटल अवैध रूप से बन रहे हैं.  किरोड़ी के मुताबिक अफसरों ने ही अतिक्रमण कराया हुआ है. अवैध फार्म हाउस बन गए हैं सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद भी फॉरेस्ट लैंड की रजिस्ट्री की जा रही है,  यहां तक कि अवैध खनन भी किया जा रहा है.

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पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले ये बात सामने आई कि टाइगर की मूछों के बाल निकाल लिए गए. सांभर के सींगो के झूले लगाए गए. ये वाइल्डलाइफ एक्ट का खुला उल्लंघन है. उन्होंने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है.

उन्होंने बताया कि साल 2009 और 10 में वन्यजीवों से पशु हानि पर सरिस्का प्रशासन द्वारा राशि दी जाती थी. जो पर्याप्त नहीं है, क्योंकि पशु महंगे हो गए हैं और किसानों को इसका नुकसान हो रहा है. उन्होंने बताया कि गांव जो सरिस्का से विस्थापित होने हैं, उनकी ₹5000000 कम से कम मुआवजा राशि की जानी चाहिए.

किरोड़ी ने ये भी कहा कि जिस तरह हरियाणा सरकार ने 75 फ़ीसदी स्थानीय युवाओं को नौकरी देने का विधेयक विधानसभा में पास किया है उसी तरह राजस्थान सरकार को भी राजस्थान के युवाओं को 75 फ़ीसदी प्राइवेट सेक्टर में रोजगार देने का बिल पास करना चाहिए.

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