Baran News: राजस्थान के बारां में स्थित छोटे तालाब की पाल के सौंदर्गीकरण और अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने टेंट लगाकर धरना दिया.
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Baran News: राजस्थान के बारां के कवाई कस्बे में स्थित छोटे तालाब की पाल पर 11 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे सौंदर्गीकरण के तहत बस स्टैंड एवं सब्जी मंडी का निर्माण करने के साथ पाल से अतिक्रमण हटाने की मांग की. इसको लेकर कस्बेवासियों ने ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के आह्वान पर तालाब की पाल पर पहुंचकर निर्माण कार्य बंद करवाया.
कवाई कस्बेवासियों ने आक्रोशित होकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए करीब साढ़े 3 घंटे तक टेंट लगाकर सांकेतिक धरना दिया. अधिकारियों के लवाजमे के साथ मौके पर पहुंचे तहसीलदार माधोलाल, सहायक थानाधिकारी दिलीप कुमार ने समझाइश के प्रयास किए लेकिन कस्बेवासी तालाब की करीब 32 बीधा भूमि से अतिक्रमण हटाने एवं कलेक्टर को मौके पर बुलाने पर अड़ गए.
अधिकारियों की ओर से पांच दिन में कार्रवाई करने के आश्वासन दिए जाने के बाद कस्बेवासी सहमत हुए. ग्रामीण विकास संघर्ष समिति की ओर से करीब 15 दिन से अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देकर स्थिति से अवगत कराया जा रहा है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी कोई पहल नहीं कर रहे.
इससे आक्रोशित कस्बेवासी गढ़ी चौक में एकत्रित हुए. यहां से प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रैली के रूप में तालाब की पाल पर पहुंचे. इसके बाद मौके पर सिंचाई विभाग के जेईएन को बुलवाकर तालाब में बनाई जा रही बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य रुकवा दिया और तालाब की पाल पर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए.
प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाइश के प्रयास किए लेकिन कस्बेवासी मौके पर कलेक्टर को बुलाने पर अड़ गए. तहसीलदार माधोलाल ने एडीएम से मोबाइल पर वार्ता करवाई. फिर भी कस्बेवासी नहीं माने और मौके पर प्रशासन को बुलवाकर अतिक्रमण हटाने की मांग पर अड़ गए
कार्रवाई नहीं होने पर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पूर्व सरकार ने तालाब के सौंदर्याकरण के लिए 11 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे. करीब एक वर्ष पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने तालाब की पाल का सीमा ज्ञान करवाते हुए 72 अतिक्रमियों को चिन्हित किया था. पाल पर काबिज अतिक्रमियों को प्रशासन ने दो बार नोटिस भी दिए लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों ने अतिक्रमण नहीं हटावाया. ठेकेदार ने मनमानी करते हुए बिना मापदंड के सौंदर्याकरण कार्य शुरू कर दिया. अगर प्रशासन ने 5 दिन में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
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