दो धर्मों के समागम स्थल कोलायत में महोत्सव, महाआरती में शामिल हुए मंत्री भाटी
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दो धर्मों के समागम स्थल कोलायत में महोत्सव, महाआरती में शामिल हुए मंत्री भाटी

कोलायत महोत्सव दो धर्मों का संगम स्थल और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है. मेले में कोलायत के विधायक और ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी भी महाआरती में शामिल हुए. 

 

दो धर्मों के समागम स्थल कोलायत में महोत्सव, महाआरती में शामिल हुए मंत्री भाटी

Kolayat, Bikaner: धर्म के नाम पर पूरे भारत में अलग-अलग तीर्थ स्थान बने हुए हैं, कहीं हिन्दू तो कहीं मुस्लिम तो कई ऐसे स्थान जहां सिख और ईसाई अपने धर्म की पूजा आराधना करते है, लेकिन आज आपको ऐसे तीर्थ स्थान से रूबरू करवाने जा रहे हैं. जो दो सदियों से दो धर्मो के संगम स्थल के रूप में पहचाना जाता है.साथ में मानव जाति को भाईचारे और आपसी सौहार्द का भी संदेश देता है. 

चेतन हुवे धूणे.. मठो में गूंजने लगी ढोल नगाड़ों आवाजे.. गुरुद्वारों से आने लगी गुरुवाणी की अरदास.  विदेशी पर्यटकों के साथ हरियाणा पंजाब सहित राजस्थान से आ रहे श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. हिन्दू सिख धर्म के आस्था के केन्द्र पांच दिवसीय कोलायत मेला अपने परवान पर है.

कोलायत मेला देता है सामाजिक सद्भावना का संदेश

हम बात कर रहे हैं कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाले कोलायत मेले की. जहां जाते ही आपको एक कान में मंदिर की घंटिया और शंख नगाड़ो की आवाज सुनाई देगी तो दूसरे कान में गुरुवाणी के शब्द कीर्तन सुनाई देंगे. मानो कोलायत मेला सामाजिक सद्भावना का संदेश देता जीता जागता स्वरूप हो. साधु सन्यासियों की तपोस्थली कहे या गुरु नानक का भक्ति स्थल लेकिन जिस सौहार्द का जो परिचय देता है. कोलायत मेला अपने आप ने अनोखा है भारत के मूल मंत्र अनेकता में एकता को दर्शाता है.

विदेशी मेहमान भी लगातार इस मेले के आकर्षित हो रहे हैं तो साथ ही राजस्थानी लोक धुनों पर डांस कर लुफ्त उठा रहे हैं. वहीं इस स्थल से धार्मिक आस्था जुड़ी होने के कारण हरियाणा पंजाब सहित राजस्थान भर से श्रद्धालु शामिल होने आ रहे हैं. जो पवित्र कपिल सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर अपने पापों का शमन करेंगें. सन्यासियों की तपोस्थली के नाम के अनुसार ही मेले का आगाज भी सन्यासी और साधुओं द्वारा शाही स्नान किया जाता है. शाही स्नान से पूर्व साधुओं के सभी मठों से शाही सवारी निकाली गई जो मुख्य घाट पर देवताओं के आह्वान के साथ शुरू हुआ.

हिंदू आस्था के साथ-साथ यह पवित्र स्थल सिख धर्म के आस्था का केंद्र भी हैं. लाखों की तादाद में इस पवित्र सरोवर में स्नान करते हैं. इस पर मेले को विशेष आकर्षण बनाने के लिए प्रशासन द्वारा पर्यटन विभाग के सहयोग से भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें भवई घूमर पंजाबी सहित राजस्थान व पंजाब की लोक संस्कृति को बताया जाएगा.

बीकानेर से 50 किलोमीटर पश्चिम में स्थित ऋषी मुनियों की तपस्थली श्री कोलायत जो वेदों व उपनिषदों में कपिलायतन के नाम से अंकित है. यह धरा आदि काल से साधु सन्यासियों की तपोस्थली के रूप में जाना जाता है. इसी धरा पर विष्णु के पंचम अवतार महर्षि कपिल मुनि ने अपनी माँ देहुति को सांख्य दर्शन का ज्ञान दिया था. तो वहीं दत्तात्रेय व चमन ऋषि के बाद सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरु नानकदेव ने कपिल सरोवर के पास भक्ति की अलख जगा कर साधना की थी. इसी के कारण सिख धर्म मे भी इस स्थान को महत्वपूर्ण तीर्थ के रूप से जाना जाता है.

महाआरती में शामिल हुए मंत्री भाटी

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बीते मंगलवार को दिनभर जहां श्रद्धालुओं ने पवित्र कपिल सरोवर में डुबकी लगाई. वहीं शाम को चंद्रग्रहण के मोक्ष के पश्चात कपिल सरोवर में दीपदान और महाआरती हुई. कोलायत के विधायक और ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी भी महाआरती में शामिल हुए. मंत्री भाटी कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले मेले को लेकर 2 दिन से कोलायत में ही कैंप में थे और तैयारियों को लेकर जायजा ले रहे थे. साथ ही अलग-अलग धर्मशाला में अलग-अलग समाज के लोगों से मिलकर व्यवस्थाओं की जानकारी ली. कार्तिक पूर्णिमा के मेले के सफल आयोजन के लिए ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सभी का धन्यवाद भी दिया.

Reporter: Tribhuvan Ranga

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